Uttarakhand Weather: घाटी में कड़ाके की ठंड, जमकर बर्फ बन गई धौली गंगा

Uttarakhand Weather: इन दिनों यहां तापमान शून्य से माइनस 15 डिग्री तक नीचे तक पहुंच रहा है, जिसके चलते यहां पर बहने वाली धौली नदी पूरी तरह से जम गई है.

By संवाद न्यूज | December 18, 2021 1:06 PM

जोशीमठ (उत्तराखंड) : कड़ाके की ठंड से सीमांत नाती घाटी को जाने वाले सड़क व पैदल रास्ते पाले की की मोटी परत जमने से बंद हो गए हैं. तापमान शून्य से 15 डिग्री नीचे पहुंच जाने से घाटी में बहने वाली धौली नदी पूरी तरह जम गई है. जगह-जगह बहने वाले गदेरे भी बर्फ बन गए हैं.

कुछ दिन पहले क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई थी, जिसके बाद से यहां तापमान लगातार नीचे गिर रहा है. इन दिनों यहां तापमान शून्य से माइनस 15 डिग्री तक नीचे तक पहुंच रहा है, जिसके चलते यहां पर बहने वाली धौली नदी पूरी तरह से जम गई है. नीती घाटी में जितने भी गदेरे और नाले बहते थे, सब बर्फ में तब्दील हो चुके हैं. नीती मार्ग पर गमशाली से आगे पाले की मोटी चादर जमी हुई है, जिससे मार्ग पूरी तरह से बंद है. हालांकि इन दिनों यहां पर सिर्फ सेना और आईटीबीपी के जवानों की तैनाती रहती है. स्थानीय लोग पहले ही निचले इलाकों में आ जाते हैं.

सुरांईथोटा में भी जबरदस्त ठंड पड़ रही है. घाटी में शीत लहर के प्रकोप से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है. लोग ठंड से बचने के लिए शाम होते ही अपने घरों में दुबक जाते हैं.

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगातार हो रहा है हिमपात

‌उधर, पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्र हंसलिंग, राजरंभा, पंचाचूली दारमा और व्यास वैली के कई हिस्सों में रूक-रूक हिमपात हो रहा है. जिससे ‌निचले क्षेत्रों में सर्द हवाएं चल रही हैं जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. शुक्रवार को पिथौरागढ़ में अधिकतम तापमान 12.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री दर्ज किया गया. बृहस्पतिवार को 16.2 और न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. बुधवार को सीमांत जिले में 14.2 और न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

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निचले क्षेत्रों में पाला गिरने से लोग परेशान

पिथौरागढ़ के नगरीय हिस्से में लगातार पाला गिरने से लोग परेशान हैं. कनालीछीना, सतगढ़, पलेटा, वड्डा, मड़मानले सहित कई हिस्सों में पाला गिरने से फसलें पीली पड़ रही हैं. साथ ही सड़कों में वाहन दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है. इसके बाद भी सड़क निर्माण एजेंसियां चूने और बजरी का छिड़काव नहीं कर रहे हैं. लोगों ने शीघ्र पाला संभावित क्षेत्रों चूना और बजरी डालने की मांग की है.

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