Uttarkashi Rescue Operation: 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए हाथ से ड्रिलिंग, जल्द आएगी खुशखबरी
Uttarkashi Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए रास्ता बनाने के प्रयास में जारी ड्रिलिंग शुक्रवार को एक बार फिर रोकनी पड़ी. इसके बाद श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए हाथ से ड्रिलिंग करने पर विचार किया गया.
Uttarkashi Rescue Operation: उत्तरकाशी से जल्द खुशखबरी आ सकती है. जानकारी के अनुसार अब मैनुअली ड्रिलिंग की जाएगी. एक अधिकारी ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसमें फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए हाथ से ड्रिलिंग पर विचार किया जा रहा है. आपको बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए रास्ता बनाने के प्रयास में जारी ड्रिलिंग शुक्रवार को एक बार फिर रोकनी पड़ी जिसके बाद मजदूरों का इंतजार और बढ़ गया.
इससे पहले गुरुवार को को अमेरिकी ऑगर मशीन में आई तकनीकी खराबी के बाद रूकी ड्रिलिंग 24 घंटे बाद शुक्रवार को फिर शुरू की गयी थी जिसके बाद मजदूरों के बाहर निकलने की उम्मीद बढ़ गई. लेकिन एक बार फिर बुरी खबर सुनने को मिली. टेक्निकल फॉल्ट को दूर करने के बाद 25 टन वजनी भारी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू की गयी लेकिन कुछ देर बाद काम को रोकना पड़ गया. पिछले दो दिनों में रेस्क्यू ऑपरेशन को यह दूसरा झटका लगा.
Uttarkashi tunnel rescue: Manual drilling to reach workers will start once Auger removed from pipeline, says official
— ANI Digital (@ani_digital) November 25, 2023
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10-12 मीटर ड्रिलिंग अभी बाकी
आपको बता दें कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर यानी दिवाली की सुबह ढह गया था जिसके बाद से वहां राहत बचाव का कार्य चल रहा है. सुरंग में काम कर रहे श्रमिक मलबे के दूसरी ओर फंसे हैं. अधिकारियों के हवाले से मीडिया में जो खबरें चल रहीं हैं उसके अनुसार, 57 मीटर के मलबे में ड्रिलिंग कर अब तक 46.8 मीटर तक स्टील पाइप डाले जा चुके हैं जबकि 10-12 मीटर ड्रिलिंग अभी बाकी है.
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 13 दिन से 41 श्रमिकों फंसे हैं. इन्हें निकालने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान बार-बार अड़चन पैदा हो रही है जिसके कारण बचावकर्ता हाथ से ड्रिलिंग करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं. खबरों की मानें तो इस बार मलबे में 25 मिमी की सरिया व लोहे के पाइप की वजह से ड्रिलिंग में दिक्कत हो रही है. मशीन के आगे बार-बार लोहे की चीजें आने से ड्रिलिंग का कार्य प्रभावित हो रहा है.
छह-छह मीटर लंबे दो पाइप और डाले जाएंगे
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद और उत्तराखंड सरकार के नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने मामले को लेकर जानकारी दी कि ‘एस्केप पैसेज’ बनाने के लिए 46.8 मीटर तक स्टील पाइप डालने का काम किया जा चुका है. मलबे के दूसरी ओर फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए छह-छह मीटर लंबे दो पाइप और डाले जाएंगे.
आगे का क्या है प्लान
जो खबर सामने आ रही है उसके अनुसार, एक बार पाइप मलबे के दूसरी ओर पहुंच जानें के बाद एनडीआरएफ के जवान उसमें जाकर श्रमिकों को एक-एक कर बाहर लाएंगे जिसके लिए पूर्वाभ्यास किया जा चुका है. श्रमिकों को पहिए लगे कम ऊंचाई के स्ट्रेचर पर लिटाकर रस्सियों की सहायता से बाहर निकालने का काम किया जाएगा. सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को ऑक्सीजन, भोजन, पानी, दवाइयां तथा अन्य सामान डाली गयी पाइपलाइन के जरिए लगातार भेजा जा रहा है.
इस बीच श्रमिकों के परिवार के लोग अपनों के बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं. पूरे देश में लोग श्रमिकों के सुरंग से सुरक्षित बाहर आने के लिए दुआ मांग रहे हैं.