Uttarkashi Tunnel Collapse: कब सुरंग से बाहर आएंगे मजदूर ? मौसम विभाग के अलर्ट ने बढ़ा दी टेंशन
Uttarkashi Tunnel Accident Rescue: उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के अभियान का रविवार को 15वां दिन है. एक ओर जहां ड्रिलिंग मशीन में समस्या आ रही है तो वहींं दूसरी तरफ मौसम का खतरा लोगों को सता रहा है.
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) में सुरंग हादसे के बाद से वहां लगातार राहत बचाव का कार्य जारी है. सुरंग के बाहर की ताजा तस्वीर न्यूज एजेंसी ANI ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जारी की है. दिवाली के दिन यानी 12 नवंबर को यहां हादसा हुआ था जिसमें 41 श्रमिक सुरंग के अंदर फंस गये थे. इसके बाद से उन्हें बाहर निकालने का काम जारी है. जानकारी के अनुसार, सुरंग के अंदर जहां बचाव दल के लोग काम कर रहे हैं वहां सुरक्षा छतरी की तैयारी चल रही है. फंसे हुए श्रमिक अपने परिवार के लोगों से बात कर रहे हैं. इसके लिए बीएसएनएल द्वारा यहां एक लैंडलाइन सुविधा स्थापित की गई है. सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को पाइप के माध्यम से खाना भी पहुंचाया जा रहा है.
उत्तराखंड में यलो अलर्ट
राहत बचाव के बीच मौसम का खतरा नजर आ रहा है. भारतीय मौसम विभाग ( IMD) ने वेदर को लेकर जो अपडेट दिया है उसके अनुसार, उत्तराखंड के मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है. विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. विभाग की ओर से सोमवार को भारी बारिश के साथ बर्फबारी की चेतावनी दी है. इसकी वजह से बचाव अभियान में और दिक्कत आ सकती है. मौसम विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश की बात कही है. यही नहीं इन इलाकों में बर्फबारी की संभावना भी व्यक्त की गई है. आपको बता दें कि सिलक्यारा, बड़कोट उत्तरकाशी के वो इलाके हैं जहां भारी बर्फबारी देखने को मिलती है.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Latest visuals outside the tunnel where operation is underway to rescue the 41 workers who got trapped here on 12th November.
— ANI (@ANI) November 26, 2023
Preparation of protection umbrella is underway inside the tunnel where the people from the rescue team… pic.twitter.com/2eKPJGNuk4
दो ऑप्शन पर विचार
बचाव अभियान का आज 15वां दिन है. इससे पहले शनिवार को अधिकारियों ने दो ऑप्शन पर ध्यान केंद्रित किया है. पहला मलबे के शेष 10 या 12 मीटर हिस्से में हाथ से ‘ड्रिलिंग’ की जाए जबकि दूसरा ऊपर की ओर से 86 मीटर नीचे ‘ड्रिलिंग’की जाए. इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने मीडिया को जानकारी दी कि अभियान में लंबा समय लग सकता है. अब तक मलबे में 46.9 मीटर की ड्रिलिंग करने में सफलता मिली है जबकि सुरंग के ढहे हिस्से की लंबाई करीब 60 मीटर है.