देश में कोरोना संक्रमण से निपटने का दो महत्वपूर्ण रास्ता है पहला है कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करना और दूसरा है वैक्सीनेशन . भारत लगातार वैक्सीनेशन के अभियान को तेज करने की रणनीति पर काम कर रहा है. कई राज्यों में वैक्सीन की कमी को दूर करने की कोशिश होती रही है.
कई राज्य हैं जो वैक्सीनेशन के अभियान में तेजी से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं तो कई राज्य ऐसे भी हैं जहां वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है. राज्य की जनसंख्या के मुताबिक दिल्ली और केरल में टीकाकरण सबसे अच्छे रिकॉर्ड पर बना है.
दिल्ली के साथ- साथ केरल में भी वैक्सीनेशन की रफ्तार बेहतर है. कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है, इन राज्यों में वैक्सीन की भी कमी है. इनमें बिहार, राजस्थान, और पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक कमी देखी जा रही है.
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अगर राज्य की जनसंख्या के आधार पर वैक्सीन की कमी को देखे तो यह गणना राज्य की जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में की जाती है. केरल और दिल्ली में यह कमी 227 प्रतिशत की देखी जा रही है, बिहार में यह 71 प्रतिशत तक कम हो जाता है. राजस्थान और बंगाल में 66 प्रतिशत की कमी है. पूरे देश में 54 प्रतिशत इसकी कुल कमी दर्ज की गयी है.
दिल्ली और केरल में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज मानी जा रही है लेकिन अबतक यह अपने तय लक्ष्य से काफी दूर है. जिन राज्यों में वैक्सीनेशन की रफ्तार में कमी है और जिन्होंने अबतक सबसे कम लक्ष्य को पाया है उनमें पंजाब, कर्नाटक, गुजरात शामिल है. पंजाब में 26 प्रतिशत है जकि कर्नाटक में यह मात्र 30 फीसद है, गुजरात में यह 37 प्रतिशत है.
वैक्सीनेशन की रफ्तार तभी तेज हो सकती है जब वैक्सीन की उपलब्धता हो. ऐसे कई राज्य हैं जहां वैक्सीनेशन की कमी है. बिहार, राजस्थान, झारखंड में वैक्सीन की कमी है. झारखंड में 62 प्रतिशत वैक्सीन की कमी है.
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अगर देश में वैक्सीनेशन की स्थिति को समझना है तो शुक्रवार के जारी आंकड़े पर नजर डालना होगा. देश में अब तक 36.89 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं.