नयी दिल्ली : भारत के स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ का परीक्षण तीसरे और अंतिम चरण का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा विकसित यह वैक्सीन अंतिम चरण में 13 हजार से अधिक लोगों को दी गयी है.
कंपनी ने बताया है कि तीसरे और अंतिम चरण के लिए 13 हजार स्वयंसेवकों की भर्ती की गयी है. साथ ही बताया गया है कि मानव परीक्षणों के तीसरे और अंतिम चरण में कोवैक्सीन को देश भर के विभिन्न इलाकों में कुल 26 हजार लोगों को वैक्सीन दी जायेगी.
पहले दो चरणों में लगभग एक हजार लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया गया था. उसके बाद भारत बायोटेक ने कहा था कि प्रथम चरण के नैदानिक परीक्षणों से पता चला है कि वैक्सीन का मानव पर कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है.
साथ ही कंपनी ने बताया था कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा पैदा करने में भी सक्षम पाया गया है. देश के तीन टीकों में से एक कोवैक्सीन, केंद्रीय औषधि नियामक द्वारा आपातकालीन उपयोग के अनुमोदन का इंतजार कर रहा है.
भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से यह वैक्सीन देश में ही विकसित की है. भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला के मुताबिक, वैक्सीन परीक्षण की प्रगति से कंपनी उत्साहित है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.