टीके का टोटा : महाराष्ट्र में 18 से 44 साल के लोगों को नहीं लगेगी कोरोना वैक्सीन, जानिए क्या है उद्धव सरकार का नया प्लान
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने शुक्रवार को इस बात के संकेत दिए हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से इस पर फैसला जल्द लेने की उम्मीद की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना टीके की खुराक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के बाद 18 से 34 साल वाले लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा.
Vaccine shortage : कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ बीते 1 मई 2021 से केंद्र सरकार की ओर चलाए गए टीकाकरण के तीसरे चरण में वैक्सीन की कमी के मद्देनजर महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने 18 से 44 साल के लोगों को टीका नहीं लगाने का फैसला किया है. टीके के सीमित स्टॉक और टीकाकरण केंद्रों पर लोगों की भीड़ को कम करने के लिए उद्धव ठाकरे की सरकार ने अब 35 से 44 साल के लोगों को टीका लगाने का फैसला किया है. महाराष्ट्र सरकार की योजना 35 से 44 साल के लोगों को टीका की पहली खुराक देने की योजनाा है, जिसमें गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.
हिंदुस्तान टाइम्स के खबर के अनुसार, महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने शुक्रवार को इस बात के संकेत दिए हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ से इस पर फैसला जल्द लेने की उम्मीद की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना टीके की खुराक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के बाद 18 से 34 साल वाले लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा.
खबर के अनुसार, फिलहाल महाराष्ट्र में 18 से 44 साल के उम्र के लोगों को एक जिले के पांच टीकाकरण केंद्रों पर ही कोरोना का टीका लगाया जा रहा है. इसका कारण टीके की खुराक का सीमित होना बताया जा रहा है. महाराष्ट्र में कोविशील्ड की 3,00,000 खुराक के साथ कोरोना टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत की गई. हालांकि, बाद में उद्धव ठाकरे की सरकार ने 4,79,000 कोवैक्सीन की खुराक की खरीद भी की है. बीते 1 मई से अब तक 18 से 44 साल के लोगों में 215,284 नागरिकों को टीका लगाया जा चुका है.
स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा कि इस कदम के बारे में बताया गया, क्योंकि हमने कई ऐसे उदाहरण देखे जिनमें शहरी क्षेत्रों के लोगों ने ग्रामीण क्षेत्रों के टीकाकरण केंद्रों पर पंजीकरण कराया है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के बीच अशांति का कारण बनती हैं. उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर शहरों से तकनीक-प्रेमी लोग तालुका और ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हैं.
टोपे ने कहा कि जब तक हमारे पास पर्याप्त मात्रा में टीके की आपूर्ति नहीं हो जाती, तब तक हमें आयु समूह और गंभीर बीमारी के लोगों के अनुसार टीकाकरण की योजना बनानी होगी. अगर 18 से 44 साल के सभी लोगों को टीकाकरण केंद्रों पर जाने की अनुमति दी जाती है, तो वहां भीड़ एकत्र हो सकती है. हमारी योजना 35 से 44 साल के बीच के लोगों को टीका देने की है, जिसमें गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. मैं मुख्यमंत्री के साथ इस पर चर्चा करूंगा.
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Posted by : Vishwat Sen