Vaccination Fact Check: वैश्विक महामारी कोरोना के एक के बाद एक वैरिएंट सामने आ रहे हैं. हर नया वैरिएंट पुराने वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है. वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में कोरोना का कहर झेल चुके देशों ने माना कि कोरोना से अगर बचना है, तो सभी लोगों को वैक्सीन लगाना ही होगा. इसलिए हर देश अपनी क्षमता के अनुरूप अपने नागरिकों का टीकाकरण करने में जुटा हुआ है.
भारत में 147 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज लोगों को लगायी जा चुकी है. 15 से 18 साल के बच्चों का भी वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है. 3 जनवरी को जब इस आयु वर्ग के वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई, तो पहले ही दिन 40 लाख किशोरों ने कोरोना से प्रतिरक्षा देने वाली वैक्सीन लगवायी. किशोरों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ, तो अभिभावकों ने भी राहत की सांस ली.
अभी भी दुनिया में बहुत से ऐसे देश हैं, जहां लोगों को वैक्सीन नहीं लग पा रहे हैं, क्योंकि वे इसकी कीमत चुकाने में असमर्थ हैं. संयुक्त राष्ट्र उनकी मदद करने के लिए आगे आ रहा है और विकसित देशों से अपील कर रहा है कि वे पिछड़े राष्ट्रों को वैक्सीन का दान करें, ताकि वहां के लोगों का भी जीवन बचाया जा सके.
एक ऑडियो में वैक्सीन को जीन थेरेपी और विशेषतः बच्चों के लिए हानिकारक बताया जा रहा है और #COVID19 को 5g से जोड़कर दावे किए जा रहे हैं#PIBFactCheck
▪️ ये सभी दावे फर्जी और भ्रामक हैं
▪️ देश में लगाई जा रही सभी वैक्सीन सुरक्षित हैं
▪️ वैक्सीन संबंधी ऐसी भ्रामक जानकारी साझा न करें pic.twitter.com/TDU80PJJR6— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 3, 2022
दूसरी तरफ, कुछ लोग वैक्सीन को मानव जीवन के लिए ही खतरा बताने में जुटे हैं. वैक्सीनेशन अभियान को लोगों को गुलाम बनाने की साजिश करार दे रहे हैं. ऐसा एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि आपने एक बार वैक्सीन की डोज ले ली, तो आपका शरीर आपका नहीं रह जायेगा. आपके माता-पिता या आपका आपके शरीर पर कोई अधिकार नहीं रह जायेगा. बिल गेट्स आपका मालिक बन जायेगा.
इस ऑडियो में एक शख्स कह रहा है कि आपातकाल में इस्तेमाल के लिए वैक्सीन को मंजूरी दी गयी है. लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है. उसका कहना है कि देश में कोई इमरजेंसी नहीं है, लेकिन सरकार इमरजेंसी के नाम पर जबरन लोगों को वैक्सीन की खुराक लगवा रही है. बच्चों की वैक्सीन को भी इमरजेंसी यूज का अप्रूवल मिल गया है. यह शख्स इसे बेहद घातक बता रहा है.
ऑडियो में दावा किया गया है कि अब तक जितने भी वैक्सीन बने हैं, उसमें जितने भी मटेरियल हैं, उन सभी का पेटेंट बिल गेट्स के नाम पर है. उसका दावा है कि जो भी व्यक्ति यह वैक्सीन लगवायेगा, उसकी बॉडी बिल गेट्स की प्रॉपर्टी बन जायेगी. बिल गेट्स उसका मालिक बन जायेगा. वैक्सीन लगवाने वाले का शरीर एक्सपेरिमेंटल बॉडी हो जायेगी, क्योंकि ये वैक्सीन ट्रायल पर हैं. हमारे ऊपर एक्सपेरिमेंट चल रह है.
उसने यह भी दावा किया है कि लोगों को जो टीका लगाया जा रहा है, असल में वह वैक्सीन है ही नहीं. ये एक्सपेरिमेंटल जीन थेरेपी है, जो आपके डीएनए को डीकोड कर रहा है. डीएनए को डीकोड करके उसको बदल रहा है. इस तरह से आपके शरीर को खोखला करके उसे बीमारियों के लिए तैयार किया जा रहा है. वैक्सीन लगाने के बाद आप जिंदगी भर के लिए बीमार पड़ने वाले हैं.
सरकारी संस्था पीआईबी ने इस ऑडियो के बारे में एक स्पष्टीकरण जारी किया है. पीआईबी फैक्टचेक ने ऑडियो की जांच करने के बाद कहा है कि एक ऑडियो में वैक्सीन को जीन थेरेपी और विशेषतः बच्चों के लिए हानिकारक बताया जा रहा है. साथ ही COVID19 को 5g से जोड़कर कुछ दावे किये जा रहे हैं. ये सभी दावे फर्जी और भ्रामक हैं. देश में लगायी जा रही सभी वैक्सीन सुरक्षित हैं. साथ ही यह भी कहा है कि वैक्सीन संबंधी ऐसी भ्रामक जानकारी को साझा न करें.
Posted By: Mithilesh Jha