Vande Bharat Train: वंदे भारत ट्रेन ने केवल 52 सेकेंड में पकड़ी 100 kmph की रफ्तार, जानें खासियत
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, सभी स्टेशन पर तेजी से काम जारी है. साबरमती में बनने बाला हब मल्टीमॉडल हब है. बुलेट ट्रेन परियोजना में अच्छी प्रगति हुई है. मुंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन के पहले सेक्शन में बहुत अच्छी प्रगति हो रही है.
देश की तीसरी और नयी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (vande bharat express train) का ट्रायल मंगलवार को पूरा हो गया. टेस्टिंग में वंदे भारत ट्रेन ने केवल 52 सेकेंड में 0 से 100 किलो की स्पीड पूरी कर ली, जो अबतक का रिकॉर्ड है. वंदे भारत ट्रेन की रफ्तार देखकर सभी खुश हो गये. इस मौके पर खुद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे. उन्होंने बताया, वन्दे भारत ट्रेन की टेस्टिंग में 0-100 किमी की स्पीड 52 सेकेंड में पूरी की, 180 किमी की स्पीड पर भी ट्रेन बहुत स्टेबल है.
बहुत जल्द भारत में दौड़ेगा बुलेट ट्रेन
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, सभी स्टेशन पर तेजी से काम जारी है. साबरमती में बनने बाला हब मल्टीमॉडल हब है. बुलेट ट्रेन परियोजना में अच्छी प्रगति हुई है. मुंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन के पहले सेक्शन में बहुत अच्छी प्रगति हो रही है. 80 किमी से ज्यादा पिलर बन चुके हैं. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी ने बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए सभी मंजूरी दे दी है.
रेलवे का अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन करने का लक्ष्य
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे का लक्ष्य है कि वंदे भारत ट्रेन का अक्तूबर से नियमित उत्पादन शुरू कर हर माह दो से तीन ट्रेन तैयार की जाएं, जिन्हें आगामी माह में बढ़ाकार पांच से आठ किया जाएगा. रेलवे ने अगस्त 2023 तक ऐसी 75 ट्रेनों का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
नयी वंदे भारत ट्रेन में क्या है खास
नयी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन टेस्टिंग में केवल 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली. जबकि पुरानी ट्रेन को यह गति प्राप्त करने में 54.6 सेकंड का समय लगता था. रेल मंत्री ने कहा कि नयी ट्रेन के वजन में भी 38 टन की कमी की गई है. उन्होंने कहा कि नयी ट्रेन 130 सेकंड में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है जबकि पुराने संस्करण वाली ट्रेन को यह गति पाने में 146 सेकंड का समय लगता था. वैष्णव ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि अक्तूबर से शुरू कर हम नियमित उत्पादन प्रारंभ कर सकें. इसके तहत हर महीने दो से तीन ट्रेन का उत्पादन किया जाएगा. इसके बाद इस क्षमता को बढ़ाकर पांच से आठ ट्रेन प्रतिमाह किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ज्यादातर ट्रेनों का उत्पादन चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया जाएगा.