भारतीय रेलवे की मेजर प्रोडक्शन यूनिट कपूरथला रेल कोच फैक्टरी (RCF) 2022-23 में एक भी वंदे भारत ट्रेन की आपूर्ति नहीं कर सकी, जबकि 32 का लक्ष्य था. डॉक्युमेंट्स से पता चला है कि प्लांट ने इसके लिए अपने आपूर्तिकर्ताओं को ट्रेन सेट के लिए बिजली के स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध नहीं कराने का दोषी ठहराया है. सूत्रों ने संकेत दिया कि अपने लक्ष्यों को हासिल करने में कारखाने की विफलता से अगस्त, 2024 तक 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने की रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना प्रभावित हो सकती है. कोच फैक्टरी न केवल वंदे भारत ट्रेनों के प्रोडक्शन में लक्ष्य से पीछे रह गई, बल्कि सभी प्रकार के कोच के कुल प्रोडक्शन में भी टारगेट पूरा नहीं कर सकी.
पीटीआई-भाषा को मिले डॉक्युमेंट्स के अनुसार, कारखाने ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के अंत तक 1,885 के लक्ष्य के मुकाबले 1,478 कोच को मैन्युफैक्चर किया. फैक्टरी मार्च, 2023 तक सिर्फ 153 थ्रीएचपी मेमू ट्रेनों को मैन्युफैक्चर कर सकी, जबकि लक्ष्य 256 का था. इसी तरह वह एलएचबी कोचों के लिए अपने लक्ष्य से भी पीछे रही. अधिकारियों ने कहा कि कारखाने में वंदे भारत ट्रेन का प्रोडक्शन सितंबर, 2024 तक शुरू होने की संभावना है.
इस साल रेलवे बोर्ड ने आरसीएफ कपूरथला को 64 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाने का लक्ष्य दिया है. मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि आरसीएफ ने वंदे भारत ट्रेनों के लिए फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय रोलिंग स्टॉक मैन्युफेक्चरर अल्सटॉम के डिजाइन को अभी तक मंजूरी देने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है.