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सांसदों के निलंबन मामले पर विपक्ष का रवैया दुखद, सरकार को अलोकतांत्रिक बताने पर वेंकैया नायडू ने किया ये सवाल

सांसदों के निलंबन मामले को लेकर विपक्ष के रवैये को राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू(Venkaiah Naidu) ने दुखद बताया है. उन्होंने सरकार को अलोकतांत्रिक बताने पर सवाल किया है और पूछा है कि क्या पहले की सभी सरकारें अलोकतांत्रिक रही थीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2021 2:02 PM

सांसदों के निलंबन मामले में राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू(Venkaiah Naidu) ने विपक्ष के रवैये पर दुख जताया है. उन्होंने सांसदों के निलंबन मामले पर विपक्ष से सवाल करते हुए पूछा कि क्या अब तक हुए सांसदों के निलंबन के मामलों में सभी सरकारें अलोकतांत्रिक रही थीं. उन्होंने पूछा कि सांसदों का यह निलंबन पहली बार नहीं हुआ है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पहल करें और आगे बढ़कर बातचीत कर मामले को हल करें. बता दें कि सांसदों के निलंबन मामले को विपक्ष ने अलोकतांत्रिक ठहराया है और माफी मांगने से इंकार कर दिया है.

वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने सदन के नाम एक पत्र लिखा है जिसमें साफ कहा है कि सदन की कार्यवाही को लेकर तय नियमों के मुताबिक ही ऐसा निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने भी कहा है कि अगर सदस्य माफी मांग लेते हैं तो सांसदों का निलंबन वापस ले लिया जाएगा. वेंकैया नायडू पर यह आरोप भी लगाया कि सांसदों की हरकतों को अलोकतांत्रिक कहने के बजाय विपक्ष उनपर की गई कार्रवाई पर ही सवाल उठा रही है.

सांसदों के निलंबन पर विपक्ष के रवैये पर नायडू ने आगे कहा कि भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इसकी शुरुआत 1962 में हुई थी और तब से 2010 तक 11 बार ऐसा किया जा चुका है. इस तरह के प्रस्ताव लाने वाली क्या सभी सरकारें अलोकतांत्रिक थीं? अगर ऐसा ही है तो फिर कई बार ऐसा क्यों किया गया.

उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र में जो हुआ वो सदन की गरिमा को खत्म करने वाला था. निलंबित सांसदों ने ऐसी हरकत की थी उसका दोबारा जिक्र भी नहीं किया जा सकता है. वहीं, उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि मुझे भरोसा है कि लोग लोकतंत्र के इस नए तरीकों को स्वीकार नहीं करेंगे. पहले भी इस तरह के निलंबन के मामले आए है और सदस्यों के खेद जताने या माफी मांगने पर वापस लिए गए हैं.

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