11-12 अगस्त को बिहार, झारखंड, बंगाल समेत इन राज्यों में होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग की चेतावनी
Weather Alert: आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने कहा कि मानसून के निम्न वायुदाब की पट्टी हिमालय के पर्वतों की ओर बढ़ रही है. इससे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश कम और पहाड़ों पर वर्षा अधिक होगी.
नयी दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि 11 और 12 अगस्त को पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल और सिक्किम के उप हिमालय क्षेत्र में 11-12 अगस्त को बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है, क्योंकि मानसून की निम्न वायुदाब की पट्टी पर्वतों की ओर बढ़ रही है.
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने कहा कि मानसून के निम्न वायुदाब की पट्टी हिमालय के पर्वतों की ओर बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि इससे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश कम होगी और पहाड़ों पर वर्षा अधिक होगी. उन्होंने कहा कि अगले 24 से 48 घंटे में मानसून की निम्न वायुदाब की पूरी पट्टी हिमालय के पर्वतों की ओर स्थानांतरित हो सकती है.
आईएमडी ने बताया कि इन प्रणालियों के प्रभाव से, अगले पांच दिन में पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम के उप हिमालय क्षेत्र में बारिश की व्यापक गतिविधियां हो सकती है तथा कुछ स्थानों पर भारी बरसात होने की संभावना है. बंगाल की खाड़ी से तेज दक्षिण-पश्चिम या दक्षिणी हवाओं के कारण, 11 अगस्त से इन इलाकों में बारिश की तीव्रता बढ़ने की बहुत संभावना है.
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बंगाल, झारखंड, बिहार में मूसलाधार बारिश
आईएमडी ने बताया कि क्षेत्र में 11 और 12 अगस्त को अलग-अलग इलाकों में भारी से मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है. मोहपात्रा ने कहा कि अगले चार-पांच दिनों के दौरान उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा के क्षेत्र में व्यापक वर्षा होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि अगले दो दिन में मध्यप्रदेश और पूर्वी राजस्थान में बारिश की संभावना है और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. आईएमडी ने कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात समेत प्रायद्वीप भारत में बारिश के कम होने की संभावना है, जबकि केरल और तमिलनाडु के अलग-अलग स्थानों पर अगले चार पांच दिन में भारी बारिश का अनुमान है.
महाराष्ट्र के चार जिलों में 20,274 हेक्टेयर में लगी फसलें नष्ट
महाराष्ट्र के नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर और गढ़चिरोली जिलों में 21-23 जून के दौरान भारी वर्षा होने से 20,274 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें नष्ट हो गयीं तथा उसकी सबसे अधिक मार कपास, तूअर, सोयाबीन, मक्के एवं सब्जियों पर पड़ी. कृषि अधिकारियों ने बताया कि कृषि विभाग के प्रारंभिक आकलन के अनुसार 96 गांवों की 1964 हेक्टेयर जमीन वर्षा के कारण आयी बाढ़ के साथ बह गयी.
एक अधिकारी ने बताया कि नागपुर जिले में काम्प्टी, साओनेर, कालमेश्वर, रामटेक और हिगना तहसीलों के 126 गांवों में 9,176.55 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें नष्ट हो गयीं, जबकि चंद्रपुर में वरोड़ा, चिमूर, राजुरा, जिवाती एवं गोंडपिपरी तहसीलों की 155 गांवों में 10,579.65 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को क्षति हुई. वर्धा के सेलू और समुद्रपुर में 418.70 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी कपास, तूअर और सोयाबीन की फसलें नष्ट हो गयीं. गढ़चिरौली की सिरोंचा तहसील में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की फसल नष्ट हो गयीं.
Posted By: Mithilesh Jha