भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने शुक्रवार को कहा कि वह भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित लोगों के प्रत्यर्पण के संबंध में भारत में उत्सुकता एवं इच्छा को समझते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विजय माल्या के मामले में ‘कानूनी प्रक्रिया’ चल रही है और इसका पालन किया जाना चाहिए क्योंकि इसका कोई ‘शार्टकट’ नहीं हो सकता.
पिछले वर्ष मई में ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय ने प्रत्यर्पण के खिलाफ भगोड़ा कारोबारी माल्या की अपील को खारिज कर दिया था . माल्या पर भारत में धनशोधन और धोखाधड़ी के आरोप हैं.
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यह पूछे जाने पर कि माल्या का प्रत्यर्पण कब होगा और इस मामले में क्या कोई कानूनी प्रक्रिया लंबित है, उच्चायुक्त ने किसी मामले का उल्लेख किये बिना संवाददाताओं से कहा कि वह भारत में भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपित लोगों को वापस लाने की इच्छा एवं महत्व को समझते हैं .
एलिस ने कहा, ‘‘प्रत्यर्पण प्रशासनिक एवं न्यायिक प्रक्रिया का संयोग होता है और इसलिये ये मामले अदालत के समक्ष जाते हैं . विजय माल्या के मामले में कार्यपालिका की दृष्टि से जो कुछ किया जाना चाहिए, वह गृह मंत्री ने किया है .”
उन्होंने कहा कि लेकिन यह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है और हमारी अदालतों में इन प्रक्रियाओं के तहत काम हो रहा है . यह ऐसा मामला है जो न्यायाधीशों के अधीन है . ब्रिटिश उच्चायुक्त ने कहा कि मामले में ‘कानूनी प्रक्रिया’ चल रही है, इसका पालन किया जाना चाहिए क्योंकि इसका कोई ‘शार्टकट’ नहीं हो सकता .