vijay mallya extradition case: भारत ने यूके (ब्रिटेन) से कहा है कि भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ का कर्ज लेने के बाद फरार कारोबारी विजय माल्या के शरण देने के आवेदन पर विचार न किया जाए. यह जानकारी गृह मंत्रालय ने दी है. दरअसल, विजय माल्या ने ब्रिटिश सरकार के समक्ष मानवीय आधार पर शरण देने की अपील दायर की है.
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग कहा कि माल्या को जल्द से जल्द भारत लाए जाने के लिए हम लगातार ब्रिटिश अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने ब्रिटिश सरकार से अपील की है कि वह विजय माल्या को अपने देश में शरण ना दें.
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खबरों के अनुसार, विजय माल्या ने इस आधार पर ब्रिटेन में शरण मांगी है कि अगर उसे भारत में प्रत्यर्पित किया जाता है, तो यहां उसे यातना दी जाएगी. बता दें कि विजय माल्या के पास ब्रिटेन में कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है. अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ उसने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में अपील की थी. उसने कहा था कि वह प्रत्यर्पण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करना चाहता है, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था.
एचटी के मुताबिक, ब्रिटिश उच्चायोग ने पिछले दिनों 64 वर्षीय माल्या के प्रत्यर्पण पर स्थिति साफ की. कहा गया कि कुछ कानूनी मसले अभी सुलझने बाकी हैं. यह जब तक सुलझ नहीं जाते, तब तक माल्या को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है. इन मसलों के बारे में हम अभी ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इन्हें सुलझा लिया जाए. गौरतलब है कि 64 वर्षीय माल्या पर भारत में अपनी दोषपूर्ण कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के पतन के बाद धोखाधड़ी के आरोपों में वांछित है.
सीएनबीसी टीवी-18 के मुताबिक, इस प्रक्रिया के जरिए अपने प्रत्यर्पण को कुछ महीने या उससे ज्यादा वक्त के लिए टालने का माल्या के पास मौका होगा. एक वकील ने कहा कि यदि माल्या की शरण की मांग गृह मंत्रालय की ओर से खारिज कर दी जाती है तब उसके पास ट्रिब्यूनल में जाने का अधिकार होगा. ट्रिब्यूनल में एक नहीं कई बार अपील दाखिल की जा सकती है. इस तरह विजय माल्या अगले 2 साल तक अपने प्रत्यर्पण को टाल सकता है.
Posted By: Utpal kant