Kanpur Encounter : पुलिस के हत्थे चढ़े हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गुर्गे दयाशंकर अग्निहोत्री ने बड़ा खुलासा किया है. दयाशंकर ने बताया कि दबिश से पहले ही विकास के पास एक फोन कॉल आया था, जिसके बाद विकास ने अपने कुछ साथियों को असलहे के साथ बुलाया. दयाशंकर ने बताया कि विकास ने उसी के नाम से लिए गए बंदूक से पुलिस पर गोलीबारी की.
इंडिया टुडे टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार दुबे ने पुलिस पूछताछ में बताया कि जब दबिश होने वाली थी उससे कुछ घंटे पहले विकास को एक फोन कॉल आया था, जिसमें दबिश के बारे में बताया गया था. हो सकता है ये कॉल थाने से भी हो. दयाशंकर ने बताया कि फोन कॉल के बाद विकास ने अपने 10-15 साथियों को बुलाया, जो असलहे के साथ थे, इसके बाद ही घटना को अंजाम दिया गया.
बगिया में होती थी बैठक- दयाशंकर ने बताया कि विकास किसी भी घटना से पहले बगिया में बैठक करता था. वो वहीं पर सभी लोगों के साथ बैठता था. घर के भीतर किसी भी तरह की प्लानिंग नहीं होती थी. घर के अंदर सिर्फ ग्रामीण ही जाते थे.
शवों को थी जलाने की तैयारी– इससे पहले, एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया कि विकास दुबे और उसके गैंग के लोग पुलिस के शव को जलाने की तैयारी में थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्या के बाद विकास दुबे गैंग ने शवों को एक जगह पर इकठ्ठा किया और गाडी़ के डीजल से जलाने की तैयारी में थे.
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वहीं, अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अटॉप्सी रिपोर्ट के हवाले से बताया कि मुठभेड़ के बाद विकास दुबे गैंग ने नक्सलियों की तरह पुलिस के शव के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. पहले तो गैंग के लोगों ने सभी शवों को एक साथ जमा किया और उसके बाद सीओ के शव कासिर और हाथ-पैर की ऊंगली को काटकर फेंक दिया. इस कृत्य के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन सकते में है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra