साेमवार (22 जनवरी) को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरा देश जश्न मना रहा है. विभिन्न राज्यों में घर से लेकर मंदिरों में दीप जलाये जा रहे हैं. इन सब के बीच, अयोध्या से हजारों किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले में एक ऐसा अद्भुत गांव है, जहां के निवासी गत 250 वर्षों से अपने गांव में भगवान राम पर प्रेम लुटा रहे हैं. यहां रहने वाले लोगों की जुबां पर भगवान राम बसते हैं, क्योंकि यहां के लोगों के नाम की शुरुआत भगवान राम के नाम से ही होती है. सोमवार को एक तरफ जहां अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर पूजा-अर्चना होगी, ठीक उसी तरह से इस गांव में भी लोग भगवान राम की पूजा की तैयारियों में जुटे हुए हैं.
बांकुड़ा जिले के सानापाड़ा अंचल स्थित इस गांव का नाम रामपाड़ा है. गांव के लोग पिछले 250 वर्षों से चली आ रही परंपरा को बखूबी निभा रहे हैं. यहां के बच्चों के नामकरण से लेकर बड़ों तक के नाम राम के नाम पर हैं. जैसे रामानुज, रामधनु, रामकृष्ण, रामअवतार, रामभरत, रामदुलाल, राम कन्हाई जैसे राम के नाम से जुड़े हुए लोग इस गांव में रहते हैं. इलाके के लोगों का कहना है कि पश्चिम बंगाल के इस गांव के मुख्य देवता भगवान राम हैं. गांव में एक शालिग्राम की शिला है. पिछले 250 वर्षों से गांव के लोग इसे राम अवतार मानकर इसकी पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में मुखोपाध्याय परिवार रहता है. बताया जाता है कि उनके पूर्वजों को सपने में भगवान राम के दर्शन हुए थे. राम भगवान ने ही इस शिला के बारे में सपने में बताया था. इसके बाद से पहले मुखोपाध्याय परिवार, फिर धीरे-धीरे गांव के अन्य लोग भी राम नाम की भक्ति में लीन हो गये. मुखोपाध्याय परिवार में अबतक 36 ऐसे पुरुष हैं, जिनके नाम राम के नाम पर रखे गये हैं. जिसके बाद पूरे गांव के लोग राम के नाम पर अपने नाम रख रहे हैं.
मंदिर से जुड़े राम कन्हाई मुखोपाध्याय का कहना है कि पिछले 250 वर्षों से दिन में तीन बार इस मंदिर में रामशिला में विराजमान भगवान राम की विधिवत पूजा होती है. संध्या आरती होती है. सोमवार को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर हम काफी खुश हैं. अयोध्या की तरह ग्रामीणों ने इस मंदिर में भी सोमवार को भगवान राम की विशेष पूजा आयोजित की है. इसमें बड़ी संख्या में गांव के लोग अपने आराध्य की पूजा के लिए मौजूद रहेंगे.