14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मणिपुर में जारी है हिंसा का दौर, जातीय समूह एक-दूसरे पर निशाना साधने के लिए कर रहे ड्रोन का इस्तेमाल

मणिपुर में दोनों समुदायों के बीच अविश्वास इतना गहरा हो गया है कि वे एक-दूसरे पर नजर रखने के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये क्वॉडकॉप्टर बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और दिन हो या रात लगातार समूहों द्वारा एक-दूसरे के क्वॉडकॉप्टर को गिराने के लिए गोलीबारी की जा रही है.

Manipur Violence: हिंसा प्रभावित मणिपुर राज्य में प्रौद्योगिकी वरदान और अभिशाप दोनों साबित हो रही है. एक ओर सेना और असम राइफल्स राहत एवं बचाव कार्य के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर जातीय समूह एक-दूसरे को निशाना बनाने के लिए क्वाडकॉप्टर (ड्रोन) का इस्तेमाल कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के संज्ञान में आया है कि परस्पर विरोधी गुट क्वॉडकॉप्टर का इस्तेमाल एक-दूसरे की स्थिति का पता लगाने के लिए कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मेइती समुदाय के लोग अधिकतर इस क्वॉडकॉप्टर का इस्तेमाल इंफाल घाटी में कर रहे हैं जबकि कुकी समुदाय के लोग इनका इस्तेमाल पहाड़ी इलाकों में कर रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण पश्चिमी मणिपुर के फौगाकचाओ, कांगवी बाजार और तोरबंग बाजार में इन क्वॉडकॉप्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है जहां दोनों समुदायों के गांव आस-पास बसे हुए हैं और सुरक्षाबलों ने दोनों समुदायों को एक-दूसरे से लड़ने से रोकने के लिए ‘बफर जोन’ बनाया है. उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बावजूद सेनापति जिले का लोइबोल और विष्णुपुर जिले का लियेमारम हिंसा का केंद्र बना हुआ है.

अधिकारियों ने कहा कि दोनों समुदायों के बीच अविश्वास इतना गहरा हो गया है कि वे एक-दूसरे पर नजर रखने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ये क्वॉडकॉप्टर बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और दिन हो या रात लगातार समूहों द्वारा एक-दूसरे के क्वॉडकॉप्टर को गिराने के लिए गोलीबारी की जा रही है.

क्वाडकॉप्टर, जिसे अकसर क्वाडरोटर कहा जाता है, एक बिना चालक वाला घूमने वाले पंखों से युक्त विमान है जो चार रोटर्स का उपयोग करके उड़ान भर सकता है. इनमें से प्रत्येक में एक मोटर और प्रोपेलर होते हैं. पारंपरिक विमानों या हेलीकॉप्टरों के विपरीत, जो उड़ान भरने के लिए इंजन या टेल रोटर्स पर निर्भर होते हैं, क्वाडकॉप्टर में ऐसा कुछ भी नहीं होता है. वहीं, दूसरी ओर सेना और असम राइफल्स द्वारा राहत एवं बचाव कार्य के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है जिन्होंने दक्षिण-पूर्वी मणिपुर के काकचिंग जिले में करीब 2000 आम नागरिकों को बचाया है.

Also Read: Rain Alert: देश में आफत की बरसात! दिल्ली से हिमाचल तक पानी-पानी, टूटा 41 सालों का रिकॉर्ड

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें