मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा : सेना ने लगाया मेगा हेल्थ कैंप, उग्रवादियों ने ‘समझौते वाले शिविर’ में लगाई आग
मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू में नाराज ग्रामीणों ने एक खाली पड़े शिविर में आग लगा दी. यह वही शिविर है, जहां पर यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ठहरे थे. पुलिस ने बताया कि आगजनी के दौरान यह शिविर खाली था.
इंफाल : मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. भारतीय सेना ने सोमवार को हिंसा प्रभावित सीमावर्ती गांव ओक्सुम्बुंग और टोरोंग्लोबी के राहत शिविरों में एक मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन किया. वहीं, खबर यह भी है कि मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू में नाराज ग्रामीणों ने एक खाली पड़े शिविर में आग लगा दी. ये वही शिविर है, जहां यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ठहरे थे. पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने इस समय आगजनी को अंजाम दिया, उस वक्त यह शिविर खाली था.
मेगा हेल्थ कैंप में 929 लोगों का हुआ इलाज
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना ने सोमवार को जिला प्रशासन और चिकित्सा अधिकारियों के साथ मिलकर हिंसा प्रभावित सीमावर्ती गांव ओक्सुम्बुंग और टोरोंग्लोबी और राहत शिविरों में एक मेगा हेल्थ कैंप का आयोजन किया. रिपोर्ट के अनुसार, सेना के इस मेगा हेल्थ कैंप 929 लोगों को मुफ्त चिकित्सा परामर्श देने के बाद इलाज किया गया और मुफ्त में दवाएं वितरित की गईं. मेगा हेल्थ कैंप में दूरदराज के इलाकों, सीमावर्ती गांवों और राहत शिविरों के करीब 1054 लोगों का इलाज किया गया. इनमें करीब 520 महिलाएं और 260 बच्चे शामिल थे.
Manipur | Indian Army with District Administration & Medical Authorities organised a Mega Medical Camp at affected bordering villages & relief Camps at Oksumbung and Torongloabi on June 5. Free medical consultation, treatment & medicines were distributed to 929 people. The Mega… pic.twitter.com/OI2T1neKmc
— ANI (@ANI) June 5, 2023
गोलीबारी के बाद कुकी उग्रवादियों लगाई गई आग
उधर, एक खबर यह भी है कि मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू में नाराज ग्रामीणों ने एक खाली पड़े शिविर में आग लगा दी. यह वही शिविर है, जहां पर यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ठहरे थे. पुलिस ने बताया कि आगजनी के दौरान यह शिविर खाली था. इसके अलावा, उग्रवादियों ने काकचिंग जिले के सेरौ में सुगनू से कांग्रेस विधायक के रंजीत के घर सहित कम से कम 100 मकानों को शनिवार रात आग के हवाले किए जाने के बाद से ग्रामीण गुस्से में हैं.
उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी जारी
पुलिस ने बताया कि पिछले दो दिन से उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच करीब चौबीसों घंटे गोलीबारी हो रही है. आगजनी से पहले रविवार को भारतीय रिजर्व बटालियन और सीमा सुरक्षा बल सहित राज्य पुलिस के संयुक्त बलों की ग्राम स्वयंसेवकों के साथ नाजरेथ शिविर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई. इसके बाद उग्रवादी अपना शिविर छोड़कर भाग गए. ग्रामीणों ने बाद में रविवार की रात शिविर को आग के हवाले कर दिया, जिसमें नए भर्ती हुए कुकी उग्रवादियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता था.
लांगोल में मकानों में लगाई आग
पुलिस ने बताया कि एक अन्य घटनाक्रम में अज्ञात लोगों ने रविवार को इंफाल पश्चिम जिले के लांगोल में कुछ मकानों में आग लगा दी. मणिपुर में एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 98 लोगों की मौत हो गई है और 310 अन्य घायल हुए हैं. कुल 37,450 लोग वर्तमान में 272 राहत शिविरों में रह रहे हैं. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं. मणिपुर की 53 फीसदी आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 फीसदी है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.
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आयोग करेगा हिंसा की जांच
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान यूकेएलएफ के उग्रवादियों के साथ समझौता होने के बाद केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग के गठन का ऐलान भी किया है. इस आयोग की अध्यक्षता गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा करेंगे. इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मणिपुर के लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग-2 से नाकेबंदी हटाने की अपील की, ताकि राज्य में भोजन, दवा और ईंधन जैसी बुनियादी और जरूरी चीजें पहुंच सकें.