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सोनिया के साथ वर्चुअल मीटिंग में बोले हेमंत सोरेन, ‘केंद्र की नीतियों के खिलाफ हों एकजुट’

Jharkhand News, CM Hemant Soren, Sonia Gandhi, Virtual Meeting, GST Council, NEET Exam 2020, JEE 2020: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि देश में विपक्ष इस समय कमजोर नजर आ रहा है. विपक्ष को एकजुट होकर केंद्र की ‘गलत’ नीतियों का विरोध करना होगा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गैर- भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बुलायी गयी बैठक में हेमंत सोरेन ने यह बात कही.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2020 7:25 PM

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को कहा कि देश में विपक्ष इस समय कमजोर नजर आ रहा है. विपक्ष को एकजुट होकर केंद्र की ‘गलत’ नीतियों का विरोध करना होगा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गैर- भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बुलायी गयी बैठक में हेमंत सोरेन ने यह बात कही.

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की अनेक नीतियों में विपक्ष की राज्य सरकारों के साथ भेदभाव स्पष्ट दिखता है. लेकिन, विपक्ष फिलहाल देश में कमजोर दिख रहा है. हमें एकजुट होकर केंद्र की गलत नीतियों का विरोध करना होगा.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के नाम पर लाभ में चल रही देश की बड़ी कंपनियों जैसे गेल, भेल, एनटीपीसी आदि के निजीकरण की तैयारी चल रही है. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि रेलवे तक के निजीकरण का प्रयास चल रहा है. इसका विपक्ष को पुरजोर विरोध करना होगा.

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श्री सोरेन ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने तमाम गलतियां कर रखी हैं और विपक्ष को दूसरे कारणों से उलझाये रखने का प्रयास किया जाता है. हमें इनके इस षड्यंत्र का जवाब देना होगा.’ देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाते हुए हेमंत सोरेन ने कहा, ‘आखिर यह कौन-सी आर्थिक नीति है कि जिस समय देश में कोई भी उद्योग काम नहीं कर रहा है, सब कुछ बंद है, उस समय भी शेयर बाजार का सेंसेक्स बढ़ रहा है?’


महंगाई और बेरोजगारी से लोग परेशान

उन्होंने आरोप लगाया कि देश में महंगाई और बेरोजगारी से लोग परेशान हैं. देश की वास्तविक स्थिति अच्छी नहीं है. इसके खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठानी होगी. हेमंत सोरेन ने कहा, ‘कांग्रेस केंद्र की इन नीतियों का विरोध करे. हम मजबूती से उसके साथ खड़े रहेंगे.’

पर्यावरण मंजूरी के नियमों में बदलाव खतरनाक

झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पर्यावरण मंजूरी के नियमों में प्रस्तावित बदलाव बहुत ही खतरनाक हैं. झारखंड जैसे खनिज और वन संपदा वाले राज्य के लिए तो यह बदलाव भयानक परिणाम वाले होंगे.’ केंद्र पर हमला बोलते हुए श्री सोरेन ने कहा, ‘हमारे यहां के कोयले और लोहे की खदानों को यह बेचने में लगे हुए थे. लेकिन हमने सर्वोच्च न्यायालय का रुख कर किसी तरह इसे रुकवाया है.’

उन्होंने देश में जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को केंद्र से मिलने वाली सहायता का मुद्दा उठाया और कहा कि कोरोना काल में राज्यों को भारी आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. इसके चलते अपने आर्थिक संसाधन बढ़ाने के लिए झारखंड सरकार प्रयासरत है.

NEET व JEE परीक्षा कराने का समर्थन

हेमंत ने सोरेन नीट (NEET)और जेईई (JEE) की परीक्षाएं कराये जाने का समर्थन किया, लेकिन कहा कि इसे आयोजित करने में अनेक खतरे हैं. इनसे निबटने के लिए केंद्र सरकार को राज्यों को विशेष मदद करनी चाहिए. हेमंत सोरेन ने यह बैठक बुलाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष की प्रशंसा की और कहा कि ऐसी और बैठकें बुलायी जानी चाहिए, जिससे विपक्षी एकता मजबूत हो सकेगी.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े मुआवजे के जल्द भुगतान की मांग के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और झारखंड के मुख्यमंत्रियों से संपर्क किया था. जीएसटी परिषद की बैठक में सामूहिक रुख अख्तियार करने के लिए डिजिटल बैठक का आयोजन किया गया था.

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जीएसटी परिषद की बैठक 27 अगस्त को होगी. इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा था कि जीएसटी लागू होने से राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे का पूरा एवं समय से भुगतान करना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून के तहत राज्यों को जीएसटी लागू होने के बाद के 5 साल तक किसी भी टैक्स के नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है. राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है.

Posted By : Mithilesh Jha

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