‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम नए वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं, पिछला वर्ष युद्ध, संघर्ष, आतंकवाद और तनाव से भरा हुआ रहा. पीएम मोदी ने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन में ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन पर चिंता जतायी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि दुनिया संकट की स्थिति में है. हमारा (ग्लोबल साउथ) भविष्य सबसे अधिक दांव पर लगा है. उन्होंने कहा कि अधिकतर वैश्विक चुनौतियां ‘ग्लोबल साउथ’ की वजह से नहीं हैं, लेकिन इसका सबसे अधिक प्रभाव हम पर ही पड़ता है.
शिखर सम्मेलन में आगे पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा अपने विकास संबंधी अनुभव को ‘ग्लोबल साउथ’ के अपने भाइयों के साथ साझा किया है. उन्होंने कहा कि भारत इस वर्ष जी20 की अध्यक्षता कर रहा है, स्वाभाविक है कि हमारा उद्देश्य ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बुलंद करना होगा.
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में प्रधानमंत्री में अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मैं आपका स्वागत इस समिट में कर रहा हूं. मैं आपका धन्यवाद करता हूं कि आप दुनिया के विभिन्न जगहों से इसमें हिस्सा ले रहे हैं. भारत ने हमेशा वैश्विक दक्षिण के अपने भाइयों के साथ अपने विकास संबंधी अनुभव को साझा किया है. उन्होंने कहा कि हम वैश्विक दक्षिण का भविष्य में सबसे बड़ा दांव है. हमारे देशों में तीन-चौथाई मानवता रहती है. भारत ने हमेशा अपने विकास के अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा किया है. हमारी विकास साझेदारी में सभी भौगोलिक और विविध क्षेत्र शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने एक और कठिन वर्ष को पीछे छोड़ दिया जो युद्ध, संघर्ष, आतंकवाद और भू-राजनीतिक तनाव, बढ़ती खाद्य उर्वरक और ईंधन की कीमतों को दर्शाता है. अधिकांश वैश्विक चुनौतियां ग्लोबल साउथ द्वारा नहीं बनाई गई हैं, लेकिन वे हमें अधिक प्रभावित करती हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने इस वर्ष अपनी G20 अध्यक्षता शुरू की है, यह स्वाभाविक है कि हमारा उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने विदेशी शासन के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का समर्थन किया और हम इस सदी में फिर से एक नई विश्व व्यवस्था बनाने के लिए ऐसा कर सकते हैं जो हमारे नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करेगी. आपकी आवाज भारत की आवाज है और आपकी प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकताएं हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक मुद्दों को हल करने में संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की बड़ी भूमिका है। हमें इनमें सुधार और प्रगति को शामिल करना चाहिए.