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Waqf Board: वक्फ संशोधन कानून पर गठित संसदीय समिति का बढ़ा कार्यकाल

विपक्ष की मांग को देखते हुए सरकार ने विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग को स्वीकार कर लिया है. लोकसभा ने गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2023 पर संसद की संयुक्त समिति के लिए विस्तार को मंजूरी दी गयी. अब वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट बजट सत्र 2025 के दौरान पेश किया जायेगा.

Waqf Board: देश में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार और सत्ता पक्ष के बीच तकरार जारी है. सरकार हर हाल में इस विधेयक को शीतकालीन सत्र में पेश करने को तैयार है. लेकिन विपक्ष की मांग को देखते हुए सरकार ने विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग को स्वीकार कर लिया है. लोकसभा ने गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2023 पर संसद की संयुक्त समिति के लिए विस्तार को मंजूरी दी गयी. अब वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट  बजट सत्र 2025 के दौरान पेश किया जायेगा. समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पारित किया गया.

संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान विपक्ष के अधिकांश सांसदों की ओर से कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग की गयी थी और इस बाबत लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी. वक्फ को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष लगातार समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग कर रहा था, लेकिन कार्यकाल बढ़ाने के प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस की ओर से हंगामा किया गया. इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए काम करती है.

अब बजट सत्र में पेश होगा वक्फ संशोधन कानून

केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन के लिए मॉनसून सत्र में विधेयक पेश किया. लेकिन कई दलों की मांग को देखते हुए विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को विचार करने के लिए भेज दिया. इस बाबत 8 अगस्त को भाजपा सांसद जगंबिका पाल की अध्यक्षता में संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया और समिति को 29 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया. लेकिन संसदीय समिति की बैठक के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच हर बैठक में तकरार देखा गया.

विपक्षी सांसदों की ओर से समिति का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग की गयी. विपक्षी दल के अलावा कई मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं. लेकिन सरकार का मानना है कि वक्फ बोर्ड को पारदर्शी बनाने के लिए यह कानून बनाया गया है. इस कानून को शीतकालीन सत्र में पेश करने की तैयारी थी, लेकिन विपक्षी दलों की मांग को स्वीकार करने के बाद बजट सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किए जाने की पूरी संभावना है. 

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