Waris Punjab De: ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल, पंजाब पुलिस ने शनिवार को इस संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह को नकौदर के पास से हिरासत में लिया है. पंजाबी अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की स्थापना 30 सितंबर, 2021 में की थी. फरवरी, 2022 में पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू की मौत हो गई, जिसके बाद अमृतपाल सिंह इस संगठन का मुखिया बना.
वारिस पंजाब दे संगठन का मकसद युवाओं को सिख पंथ के रास्ते पर लाना और पंजाब को जगाना बताया गया था. इस संगठन के एक मकसद ‘पंजाब की आजादी के लिए लड़ाई’ पर विवाद भी है. बताते चलें कि किसान आंदोलन और उसके बाद 26 जनवरी, 2021 को लाल किला हिंसा मामले में दीप सिद्धू का नाम आया था. 15 फरवरी, 2022 को दिल्ली से पंजाब लौटते वक्त सोनीपत के पास एक सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत हो गई. मार्च महीने में दावा किया जाता है कि अमृतपाल सिंह अब वारिस पंजाब दे का नया मुखिया है. इसके बाद 29 सितंबर, 2022 को अमृतपाल सिंह मोगा के रोडे गांव पहुंचता है. इसी गांव से खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले की जड़ें जुड़ी हुई थीं. इसके बाद से ही वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह सीधे देश की सरकार और सिस्टम को चैलेंज देने लगता है.
अमृतपाल सिंह कुल छह साल के बाद सितंबर 2022 में दुबई से भारत आया था, जबकि फरवरी 2022 में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी. जाहिर तौर पर अमृतपाल सिंह और दीप सिद्धू की मुलाकात नहीं हुई थी और दोनों ने सोशल मीडिया के जरिए ही बातचीत की थी. अमृतपाल के समर्थकों का दावा है कि दीप सिद्धू अमृतपाल सिंह के करीबी थे और एक वैध प्रक्रिया के माध्यम से वारिस पंजाब दे से जुड़े थे. हालांकि, संगठन के अमृतपाल के नेतृत्व पर दीप सिद्धू के कुछ सहयोगी और परिवार के कुछ सदस्य संतुष्ट नहीं हैं. सिद्धू के परिवार ने शुरू में अमृतपाल सिंह के संगठन का मुखिया बनने पर आपत्ति जताई थी. यह भी सामने आया कि दीप सिद्धू ने अमृतपाल को सोशल मीडिया पर ब्लॉक तक कर दिया था.
पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने जब संगठन बनाया था, तब खालिस्तान समर्थन जैसी बातें सामने नहीं आई थीं. दीप सिद्धू के परिवार ने अमृतपाल सिंह से दूरी बनाते हुए कहा है कि वारिस पंजाब दे का प्रमुख उन्होंने नहीं बनाया. उन्हें तो ये भी नहीं मालूम कि दुबई से पैराशूट लैंडिंग कर अमृतपाल कैसे वारिस पंजाब दे का प्रमुख बन बैठा. वहीं, अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लुधियाना में वकालत करने वाले दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि वे लोग अमृतपाल से कभी नहीं मिले और न ही दीप मिला था. कुछ समय तक भले ही अमृतपाल फोन पर दीप से संपर्क में रहा था, लेकिन बाद में दीप ने उसे ब्लॉक कर दिया था. उन्होंने कहा, मेरा भाई अलगाववादी नहीं था. अमृतपाल असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए दीप के संगठन का दुरुपयोग कर रहा है. अमृतपाल पंजाब में अशांति फैला रहा है. वो मेरे भाई के नाम के साथ और खालिस्तान का नाम जोड़कर लोगों को बेवकूफ बना रहा है.