अस्टिंट सब इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने चार पन्ने की चिट्ठी लिखकर कई मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाये हैं. इस चिट्ठी में उसने बताया है कि कैसे नौकरी वापस पाने के लिए उससे पैसे मांगे गये और पैसे कहां से वसूलने हैं, इसका रास्ता भी दिखाया गया.
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Here is copy of letter submitted by Sachin Vaze in designated court.#MahaVasuliAghadi pic.twitter.com/MOMKSzRsy0
— Suresh Nakhua (सुरेश नाखुआ) 🇮🇳 (@SureshNakhua) April 7, 2021
महाराष्ट्र की राजनीति में एक और चिट्ठी ने तूफान ला दिया है. सचिन वाजे की तरफ से जारी की गयी यह चिट्ठी एनआईए कोर्ट में जमा करने के लिए लिखी गयी है हालांकि वाजे के वकील ने बताया अबतक कोर्ट ने चिट्ठी स्वीकार नहीं की है लेकिन यह चिट्ठी सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है कारण है इस चिट्ठी में किये गये बड़े गुलासे
चिट्ठी में शिवसेना कोटे के परिवहन मंत्री अनिल परब का नाम भी अब सामने आ गया है. चिट्ठी में लिखा है कि कैसे उन पर चल रही जांच को रोकेन के लिए 50 करोड़ की डिमांड की गयी थी. मंत्री ने उनसे फ्राड कॉन्ट्रेक्टर जो बीएमसी में लिस्टेड हैं उनकी पहचान करके उनसे 2 करोड़ डिमांड करने के लिए कहा था.
इस चिट्ठी में वाजे ने गृहमंत्री अनिल देशमुख की तरफ से भी दो करोड़ रुपये मांगे गये थे. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जब उनकी नियुक्ति रद्द कर दी तो दोबारा उन्हें नियुक्त करने का भरोसा देते हुए पैसे मांगे थे . अजीत पवार के बेहद करीबी एक व्यक्ति ने उनसे अवैध गुटखा बेचने वालों से हर महीने 100 करोड़ वसूलने के लिए कहा था . इस चार पन्ने की चिट्ठी में कई मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं.
सचिन वाजे के वकील रौनक नायक ने कहा, अबतक कोर्ट ने हमारी चिट्ठी को स्वीकार नहीं किया . इस चिट्टी में वाजे ने पूरे घटनाक्रम का भी जिक्र किया है. वाजे ने चिट्ठी में बताया है कि नवंबर 2020 में एक व्यक्ति ने उससे संपर्क किया और बताया कि वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का बेहद करीबी है.
इस व्यक्ति ने उसे अवैध गुटखा और तंबाकू व्यापार के बारे में जानकारी दी और बताया कि आप इनसे 100 करोड़ रुपये की वसूली हर महीने कर सकते हैं. सचिन वाजे ने बताया कि मैं नहीं माना और मैंने कहा, ऐसे में मैं हमेशा के लिए अपनी नौकरी खो दूंगा .
चिट्ठी में उन्होने अनिल परब से भी मुलाकात का जिक्र किया है उन्होंने बताया कि जुलाई / अगस्त के महीने में उन्हें मंत्री के बंगले पर बुलाया गया और उनसे SBUT (Saifee Burhani upliftment Trust) सैफी बुरहानी उत्थान ट्रस्ट से जुड़ा मामला देखने की बात कही गयी . यह मामला संसदीय जांच कमेटी में हैं, मुझसे कहा गया था कि इसे ट्रस्टी से बात करके मध्यस्थता करनी है, उन्हें 50 करोड़ जांच खत्म करने के लिए लालच देने को भी कहा गया.
गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाते हुए इस चिट्ठी में बताया गया है कि 1650 बार से 3 से 3.50 लाख रुपये लेने का आदेश दिया गया. इस पर वाजे ने कहा यह काम मेरी क्षमता के बाहर है.
वाजे ने बताया कि जब मैं इस मांग को मानने से इनकार करने के बाद बंगले से बाहर निकल रहा था तो देशमुख के पीए ने मुझे समझाया कि मंत्री जी की बात मान लो तुम्हें तुम्हारी पोस्ट और नौकरी दोनों वापस मिल जायेगी. वाजे ने बताया कि इस बैठक की जानकारी उन्होंने मुंबई के उस वक्त के पुलिस कमिश्नर को दी थी. महाराष्ट्र के गृहमंत्री के साथ अब शिवेसना के मंत्री का नाम आया सामने तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
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मैंने उस वक्त भी कहा था कि मुझे बाद में फंसाया जा सकता है. उस वक्त के पुलिस कमिश्नर ने मुझसे कहा था कि इस तरह के गैरकानूनी मामलों में उनका साथ ना दूं. इस चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि शरद पवार को मनाने के लिए कि वो मेरी नौकरी वापस दे दें मुझसे दो करोड़ रुपये की मांग की गयी थी.