WDFC के डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दिखायेंगे हरी झंडी, …जानें क्यों है खास?
WDFC, double stack long hall container, container train, flagged off, Prime Minister Narendra Modi, Thursday, 1.5 km long : नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार की सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिये वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) के 306 किमी लंबे न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड देश को समर्पित करेंगे. इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलनेवाली 1.5 किमी लंबी दुनिया की पहली डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार की सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिये वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) के 306 किमी लंबे न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड देश को समर्पित करेंगे. इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलनेवाली 1.5 किमी लंबी दुनिया की पहली डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर गलियारे का न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड हरियाणा से राजस्थान का है. हरियाणा में 79 किमी में तीन स्टेशन रेवाड़ी, न्यू अटेली और न्यू फुलेरा जंक्शन और राजस्थान 227 किमी में न्यू डबला, न्यू भगेगा, न्यू श्री माधोपुर, न्यू पचार मलिकपुर, न्यू सकून और न्यू किशनगढ़ क्रॉसिंग स्टेशन पर ठहराव होगा.
इस कॉरिडोर के शुरू होने से राजस्थान और हरियाणा के रेवाड़ी-मानेसर, नारनौल, फुलेरा और किशनगढ़ इलाके में स्थित उद्योगों को लाभ होगा. साथ ही गुजरात के बंदरगाहों के साथ निर्बाध संपर्क सुनिश्चित हो पायेगा. मालूम हो कि इससे पहले प्रधानमंत्री ने 29 दिसंबर, 2020 को 351 किमी लंबे न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा खंड देश को समर्पित किया था.
भारतीय रेल पटरियों पर 75 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के मुकाबले 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड मालगाड़ियों का परिचालन करायेगा. साथ ही रेलवे की मालगाड़ियों की 26 किमी प्रति घंटे की मौजूदा औसत गति को बढ़ा कर डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर 70 किमी प्रति घंटा करने की योजना है.
डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन में अतिरिक्त एक्सल लोड किया जायेगा. इसे भारतीय रेल की अनुसंधान इकाई द्वारा डिजाइन किया गया है. बीएलसीएस–ए और बीएलसीएस वैगनों में कंटेनर की वर्तमान क्षमता की तुलना में चार गुना अधिक इकाइयों को ढोया जा सकता है.