Weather:ओडिशा में तीन नये डॉपलर वेदर रडार (डीडब्ल्यूआर) लगाने की केंद्र सरकार ने योजना बनाई है. इससे पड़ोसी राज्यों को भी फायदा मिलेगा. देश के 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पड़ोसी राज्यों में तैनात डीडब्ल्यूआर पर निर्भर हैं. इस नेटवर्क का उपयोग मुख्य रूप से स्थानीय स्तर पर होने वाले तूफानों और भारी वर्षा की निगरानी करने और 3 घंटे तक के लिए समय पर नाउकास्ट चेतावनी जारी करने के लिए किया जाता है. डीडब्ल्यूआर डेटा को संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान (डब्लूएपी) मॉडल में भी डाला जाता है, विशेष रूप से नाउकास्ट मॉडल में. इससे 6 से 12 घंटे पहले बारिश और तूफान की भविष्यवाणी का पता चल जाता है. इन डीडब्ल्यूआर की सहायता से उपयुक्त चेतावनियां और अलर्ट जारी किए जाते हैं.
केंद्र ने ओडिशा में तीन डीडब्ल्यूआर की योजना बनायी
वर्तमान में, देश भर में विभिन्न स्थानों पर 39 डॉपलर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) स्थापित हैं. हाल ही में शुरू किए गए मिशन मौसम का उद्देश्य पूरे देश में डॉपलर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) नेटवर्क को बढ़ाना है ताकि रडार कवरेज को पूर्ण किया जा सके और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली की सटीकता को बढ़ाया जा सके. मिशन मौसम को सितंबर 2024 में शुरू किया गया था और 2026 तक 87 और डीडब्ल्यूआर स्थापित करने की योजना है.ओडिशा में बालासोर, संबलपुर और भुवनेश्वर में तीन डीडब्ल्यूआर की योजना बनाई गई है. राज्य सरकार द्वारा मार्च, 2025 तक बालासोर में डीडब्ल्यूआर के लिए भवन सौंप दिए जाने की उम्मीद है. भवन को आईएमडी को सौंप दिए जाने के बाद, डीडब्ल्यूआर बालासोर की स्थापना और कार्य करने का काम पूर्ण हो जाएगा.
नये डीडब्ल्यूआर लगाने का उद्देश्य बिहार और केंद्र शासित प्रदेशों सहित संपूर्ण रडार कवरेज के लिए देश भर में डॉपलर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) नेटवर्क का संवर्धन करना और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली की सटीकता को बढ़ाना है. डॉपलर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) नेटवर्क बिहार में सिर्फ एक जगह पटना में काम कर रहा है, जबकि झारखंड में नहीं है. यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी.