Weather Forecast 2020: भारत में ला नीना परिस्थितियों के कारण इस बार मानसून के ‘‘सामान्य से अधिक” रहने की संभावना है. मौसम पूर्वानुमान लगाने वाली निजी इकाई वेदर कंपनी ने अपने पूर्वानुमान में यह जानकारी दी. आईबीएम के उपक्रम इस मौसम कंपनी ने कहा कि मानसून 31 मई को केरल में दस्तक दे सकता है. अगर अनुमान सच होता है, तो भारत में इस वर्ष भी मानसून सामान्य से अधिक रहेगा, ऐसा लगातार दूसरे वर्ष होगा.
मौसम विभाग ने इस साल गर्मी के मौसम में देश के उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों में ग्रीष्म लहर का प्रकोप पिछले सालों की तुलना में अधिक होने की आशंका जतायी है. कहा गया है कि, आगामी अप्रैल से जून के दौरान सामान्य तापमान में औसतन 0.5 से 1.0 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हो सकती है.
मौसम विभाग द्वारा अगले तीन महीने के लिये जारी मौसम संबंधी दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार उत्तर पश्चिम भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित आसपास के मैदानी इलाकों में अप्रैल, मई और जून के महीने में सामान्य से अधिक गर्मी लोगों को परेशान कर सकती है. विभाग की मानें तो इस साल गर्मी के मौसम में औसत अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक रहने का अनुमान है जिसका सीधा असर दिन के वक्त पड़ेगा और भीषण गर्मी का सामना लोगों को करना पड़ेगा.
मौसम विभाग की मानें तो इस साल गर्मी का असर मैदानी क्षेत्रों के अलावा पहाड़ी इलाकों में भी तुलनात्मक रूप से अधिक नजर आ सकता है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों के अलावा पश्चिमी राजस्थान में तीन महीने के दौरान औसत अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस से भी अधिक जाने की संभावना है.
इधर, एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 8 अप्रैल को उत्तर भारत में आ सकता है. यह अप्रैल महीने का पहला सक्रिय सिस्टम होगा. यह सिस्टम जम्मू कश्मीर और आसपास के पहाड़ी क्षेत्र समेत मैदानी भागों को भी प्रभावित करगा. जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में 8 और 9 अप्रैल को गर्जना के साथ हल्की से मध्यम बौछारें दर्ज की जा सकती है. पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी बारिश हो सकती है. 5 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पास फिर से एक पश्चिमी विक्षोभ आने की आशंका है. यह पश्चिमी हिमालय पर गरज के साथ हल्की बारिश दे सकता है. हालांकि बारिश छिटपुट जगहों पर ही होगी और बारिश की तीव्रता हल्की होगी.