Weather Forecast: दुर्गा पूजा में खलल पड़ गया है. झारखंड समेत कई राज्यों में बारिश शुरू हो गई है. मंगलवार को दोपहर के बाद राजधानी रांची में आसमान में बादल छा गये. हवा के साथ बारिश शुरू हो गई है. कई इलाकों में बारिश हुई. मौसम विभाग ने कहा है कि 8 और 9 अक्टूबर को राजधानी रांची समेत झारखंड के कई जिलों में बारिश हो सकती है. बारिश का दौर देश के अन्य हिस्सों में भी जारी है. राजस्थान में मानसून की विदाई के बाद भी बारिश का दौर शुरू हो गया है. आईएमडी ने कहा है कि देश के 10 से ज्यादा राज्यों में आज और कल बारिश हो सकती है.
झारखंड में बारिश (Jharkhand Rain Today)
बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर झारखंड में दिखने लगा है. राजधानी रांची समेत कई और जिलों में बारिश शुरू हो गई है. झारखंड में मौसम विभाग ने कहा है कि अभी बारिश से राहत नहीं मिलेगी. दुर्गा पूजा के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने कहा है कि 11 अक्टूबर तक आसमान में बादलों का डेरा रहेगा. गरज चमक के साथ बारिश भी हो सकती है. मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है.
बिहार में बारिश (Bihar Weather)
बारिश का दौर बिहार में भी शुरू हो गया है. कई जिलों में बारिश शुरू हो गई है. वही, मंगलवार को मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है कि आज पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, लखीसराय, जमुई और बेगूसराय जिले के कुछ भागों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है. मौसम विभाग बारिश के साथ मेघ गर्जन और वज्रपात की भी संभावना जताई है. आईएमडी ने येलो अलर्ट जारी किया है.
मानसून की विदाई के बाद भी राजस्थान में बारिश शुरू (Rajasthan Weather)
राजस्थान में मानसून की विदाई हो गई है. वहीं मंगलवार को प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने कहा है कि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण जोधपुर समेत कई इलाकों में बारिश हो रही है. मौसम विभाग केंद्र जयपुर का कहना है कि राजस्थान में कुछ इलाकों में हल्की बारिश दर्ज की गई है. आने वाले एक दो दिनों में कई इलाकों में बारिश का दौर जारी रह सकता है.
मौसमी गतिविधियां
स्काईमेट वेदर की एक रिपोर्ट के मुताबिक लक्षद्वीप और आसपास के क्षेत्रों पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. यह औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी से तमिलनाडु और दक्षिण केरल तक एक ट्रफ रेखा औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैली हुई है. लक्षद्वीप पर चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से 9 अक्टूबर के आसपास लक्षद्वीप और इससे सटे दक्षिण-पूर्व, पूर्वी मध्य अरब सागर पर एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है. जो उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ सकता है.