Weather Forecast: मॉनसून की विदाई के बाद अब ठंड का मौसम दस्तक देने वाला है. कई राज्यों में गुलाबी ठंड लगने भी लगी है. इस साल भीषण ठंड पड़ने की संभावना मौसम विभाग की ओर से व्यक्त की गई है. विभाग का कहना है कि उत्तर भारत, खासकर दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ सकती है. इस साल पहले भीषण गर्मी, फिर अधिक बारिश और अब सर्दी को लेकर ऐसे दावे ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.
क्यों पड़ेगी कड़ाके की ठंड जानें
अक्टूबर-नवंबर के दौरान ला नीना के एक्टिव होने की संभावना व्यक्त की गई है. मौसम विभाग के अनुसार,अक्टूबर-नवंबर में ला नीना की स्थिति बनने की 71% संभावना नजर आ रही है. हालांकि मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि ठंड कितनी पड़ेगी इसका सटीक पूर्वानुमान नवंबर में ही लगया जा सकेगा. ला नीना के इसी महीने एक्टिव होने पर दिसंबर और जनवरी के महीने में कड़ाके की ठंड लोगों को सता सकती है. ला नीना की वजह से आमतौर पर तापमान में गिरावट दर्ज की जाती है. सर्दियों में भी इसकी वजह से अधिक बारिश देखने को मिलती है.
किस इलाके में पड़ेगी इस साल ज्यादा ठंड
ला नीना की बात करें तो इस दौरान पूर्वी हवाएं समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलती हैं जिसकी वजह से समुद्र की सतह ठंडी हो जाती है. आईएमडी के अनुमान के अनुसार, ला नीना अक्टूबर और नवंबर के बीच एक्टिव होने की संभावना 71 प्रतिशत दिख रही है. मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार अक्टूबर-नवंबर में ला नीना की स्थिति बनने की संभावना 71% है. जब ला नीना होता है, तो उत्तर भारत, खासकर उत्तर-पश्चिमी भारत और आसपास के मध्य क्षेत्र में तापमान में गिरावट आती है और यह सामान्य से कम हो जाता है.
विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने क्या कहा?
पिछले महीने ही विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की एक रिपोर्ट आई थी जिससे इस बात के संकेत मिलते हैं कि अक्टूबर-नवंबर के दौरान वर्तमान तटस्थ स्थितियों (न तो अल नीनो और न ही ला नीना) से ला नीना स्थितियों में परिवर्तित होने की 55 प्रतिशत संभावना नजर आ रही है. अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक यह संभावना है की ला नीना की प्रबलता 60 प्रतिशत तक बढ़ जाए.
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