Weather Forecast Holi 2023 : देश के कई राज्यों में तापमान अब बढ़ने लगा है. बढ़ते तापमान के कारण फरवरी के अंतिम दिनों में लोगों के पसीने छूट रहे हैं. बढ़ते तापमान को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है और कहा है कि उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिम भारत में अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री अधिक रहने का अनुमान है. देश के कई हिस्सों में पहले से ही इतना तापमान दर्ज किया जा रहा है जो आमतौर पर मार्च के पहले सप्ताह में दर्ज किया जाता है.
आईएमडी के एक वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कम होने के बाद अगले दो दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि हालांकि, अगले पांच दिनों में क्षेत्र के साथ-साथ मध्य और पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री अधिक रहने की संभावना है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों में शुरुआती गर्मी का प्राथमिक कारण मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की कमी है. उन्होंने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में मौसम मुख्य रूप से पश्चिमी विक्षोभ द्वारा नियंत्रित होता है. चूंकि 29 जनवरी के बाद से क्षेत्र में कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं है, इसलिए तापमान में काफी वृद्धि हुई है.
कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ कमजोर पश्चिमी विक्षोभों के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश हुई है. उन्होंने कहा कि अधिकतम तापमान पहले से ही बढ़ रहा है और मार्च के पहले पखवाड़े में उत्तर पश्चिम भारत के एक या दो मौसम संबंधी उपखंडों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस और उससे ऊपर तक पहुंच सकता है. यहां चर्चा कर दें कि इस बार होली 8 मार्च को है.
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आपको बता दें कि मौसम विभाग ने रविवार को कहा था कि कच्छ और कोंकण में अगले दो दिनों के दौरान लू चलने की संभावना है. अधिकारियों ने कहा था कि इन क्षेत्रों के लिए सबसे पहले लू का अलर्ट जारी किया गया था. आईएमडी ने सोमवार को इन क्षेत्रों के लिए लू की चेतावनी वापस ले ली क्योंकि समुद्री हवाओं के कारण तापमान में गिरावट आयी थी. आईएमडी ने कहा कि दिन के इस उच्च तापमान से गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि फसल पकने के करीब आ रही है. इस अवधि के दौरान उच्च तापमान उपज के लिए नुकसानदेह होता है. अन्य खड़ी फसलों और बागवानी पर भी इसी तरह का प्रभाव पड़ सकता है.