Weather Alert : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह आंशाका जतायी है कि इस बार गर्मी लोगों को काफी परेशान करने वाली है. उत्तर, पश्चिमोत्तर और पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. वहीं जलवायु परिवर्तन से देश में सूखे की तीव्रता बढ़ने की आशंका जतायी गयी है. इसका असर कृषि उत्पादन में कमी, सिंचाई की मांग में वृद्धि और भूजल स्तर में तेज गिरावट के रूप में होगा. यह आशंका आइआइटी गांधीनगर के शोधकर्ताओं के रिसर्च में सामने आयी है. शोधकर्ताओं का कहना है कि सूखे की तीव्रता मिट्टी की नमी में कमी आने से होती है.
रिसर्च में कहा गया है कि परंपरागत सूखे की तुलना में गर्मी बढ़ने से पड़ने वाले सूखे का दो-तीन हफ्ते के अंदर ही व्यापक असर होता है. एनपीजे क्लाइमेट जर्नल में प्रकाशित इस रिसर्च में सूखे में मानवजनित जलवायु परिवर्तन की भूमिका का आकलन किया गया है. इसके लिए मौसम विभाग द्वारा एकत्र किये गये मिट्टी के नमूने और मौसम का आकलन करने के लिए प्रयोग किये गये डेटा का विश्लेषण किया गया है. दावा किया गया है कि 21वीं सदी के समाप्ति तक गर्मी बढ़ने और सूखा पड़ने की आशंका पांच गुना बढ़ जायेगी.
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इस बार सामान्य से अधिक गर्मी पड़ेगी : मौसम विभाग
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने सोमवार को मार्च से मई तक के अपने ग्रीष्मकालीन पूर्वानुमान में कहा कि उत्तर, पश्चिमोत्तर और पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. मध्य भारत के पूर्वी व पश्चिमी भागों के कुछ हिस्सों और उत्तरी प्रायद्वीप के तटीय उपसंभागों के लिए भी ऐसा ही अनुमान है. लेकिन उसने दक्षिण व उससे सटे मध्य भारत में दिन का तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना जतायी.