कोरोना महामारी का कहर झेल रहे महाराष्ट्र पर एक चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए चेतावनी जारी कर दी है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके कारण 2-3 जून को महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्री तट से चक्रवाती तूफान टकरा सकता है. इसे निसर्ग तूफान का नाम दिया जा रहा है. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, ये काफी असामान्य बात है कि जून माह में महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से कोई चक्रवात तूफान टकरायेगा.
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मौसम विभाग के साइक्लोन ई एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार अरब सागर में महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास समुद्री तूफान की स्थिति बन रही है. हिंदुस्तान टाइम्स ने मौसम विज्ञानी अक्षय देवरस के हवाले से लिखा है कि इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार इस तरह का दवाब (डिब्रेशन) बना था और तूफान आने की स्थिति बनी थी लेकिन बाद में स्थिति टल गई थी. दो जून दोपहर के बाद से तीन जून तक महाराष्ट्र में काफी तेज गति से हवाएं चलने और भारी बारिश की संभावना है.
(1) Well Marked Low pressure area over Southeast and adjoining Eastcentral Arabian Sea & Lakshadweep area: Pre-Cyclone Watch for south Gujarat-north Maharashtra coasts
(2) Depression over south coastal Oman & adjoining Yemen pic.twitter.com/NPqKdTo5AZ
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 31, 2020
मौसम विभाग ने ये अभी तक साफ नहीं किया है कि चक्रवात कहां टकराएगा. स्काईमेट ने कहा है कि चक्रवात उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बोर्डर के पास टकराएगा. मुंबई और गुजरात के तटीय इलाकों में समुद्री तूफान को लेकर तैयारियां कम होती हैं ऐसे में 48 घंटे से भी कम समय में इसका सामना कर पाने में निश्चित तौर पर परेशानी होगी. वो भी तब जब महाराष्ट्र और गुजरात दोनों राज्यों का प्रशासन कोरोना से लड़ रहा है.
मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘दक्षिण पूर्वी और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ ह. इसके अगले 24 घंटे में पूर्वी मध्य और आसपास के दक्षिण पूर्वी अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है तथा फिर यह अगले 24 घंटों में और अधिक मजबूत होकर चक्रवाती तूफान के रूप में तबदील हो सकता है. विभाग ने चार जून तक एहतियातन मछुआरों को समुद्र मे नहीं उतरने की सलाह दी है. समुद्र में चार जून तक स्थिति खराब रहने की संभावना है.
यदि अरब सागर में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अगर तूफान में बदलेगा तो इसका नाम निसर्ग होगा. हालांकि आधिकारिक तौर पर इस तूफान का नामकरण नहीं किया गया है. ऐसा तब तक नहीं किया जाता है जब तक कि निम्न दबाव का क्षेत्र साइक्लोनिक तूफान में तब्दील नहीं होता है. कुछ लोग इसे ‘हिका’ तूफान भी बोल रहे हैं.
महाराष्ट्र और गुजरात में चक्रवाती तूफान का यह खतरा ऐसे वक्त सामने आया है, जबकि अभी कुछ दिन पहले ही बंगाल की खाड़ी में पैदा हुए सुपर चक्रवाती तूफान अम्फान ने बंगाल और ओडिशा में भारी जमकर तबाही मचाई थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद बंगाल और ओडिशा जाकर हालात का जायजा लिया था।
Posted By : Utpal kant