Loading election data...

Weather Forecast किस तरफ बढ़ रहा है गुलाब तूफान ? कहां मौसम बदलेगा मिजाज, पढ़ें

गुलाब चक्रवात के इस बाकी हिस्से के चलते गुजरात के कई हिस्सों में तेज बारिश की संभावना जाहिर की गयी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2021 3:34 PM

चक्रवात गुलाब तूफान की वजह से देश के कई राज्यों में बारिश हो रही है. 30 सितंबर को अरब सागर में प्रवेश करने तथा मजबूत होकर चक्रवाती तूफान का रूप लेने की संभावना जाहिर की गयी है. तूफान अब पाकिस्तान की तरफ बढ़ रहा है. गुलाब चक्रवात के इस बाकी हिस्से के चलते गुजरात के कई हिस्सों में तेज बारिश की संभावना जाहिर की गयी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी है.

बुधवार को निम्न दबाव का क्षेत्र -चक्रवात गुलाब का बाकी हिस्सा– दक्षिण गुजरात क्षेत्र एवं आसपास की खंभात की खाड़ी के ऊपर बना. विभाग ने कहा, ‘‘ इस बात की बड़ी संभावना है कि यह पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा की ओर बढेगा एवं उत्तरपूर्व अरब सागर में उभरकर कल तक गहरे दबाव में तब्दील होकर मजबूत हो जाएगा.

Also Read: Weather Forecast: चक्रवात ‘गुलाब’ के कारण दो दिन होगी भारी बारिश, जानें दिल्ली-बिहार सहित अन्य राज्यों का मौसम

इस तूफान के पश्चिम और पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना जाहिर की गयी है. अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान का रूप लेने की प्रबल संभावना है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ में कुछ इलाकों पर बारिश हो सती है. दमन दीव, दादर एवं नागर हवेली में मूसलाधार एवं कुछ स्थानों पर भीषण बारिश की संभावना है.

तूफान पर ऐप के जरिये रखें नजर

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) मिलकर एक ऐप बना रहे हैं जिसमें वेब आधारित ऐप होगा, जो डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस पर आधारित होगा. डायनेमिक कंपोजिट रिस्क एटलस वह मानचित्र है जिसमें भूस्थैतिक एवं जनसंख्या संबंधी आंकड़ों के आधार पर तटीय भूभाग पर चक्रवात संभावित क्षेत्रों को दर्शाया जाता है. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बुधवार को भारी बारिश हुई जिससे महानगर के कुछ क्षेत्रों में जलभराव हो गया और जनजीवन अस्तव्यस्त रहा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. बारिश के कारण सार्वजनिक परिवहन की सेवाएं प्रभावित हुईं जिससे लोगों को जलभराव वाली सड़कों से गुजरते हुए मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

Also Read: Weather Alert: अब गुजरात और महाराष्ट्र पर मंडराया ‘शाहीन’ चक्रवात का खतरा, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
क्या है मौसम का मिजाज

मौसम विभाग ने महाराष्ट्र, दक्षिण गुजरात, तटीय कर्नाटक के इलाकों के साथ – साथ केरल केरल, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में और पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जाहिर की गयी है बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लिए झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम में हल्की और मध्यम बारिश का अनुमान है. जम्मू कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान के पश्चिमी हिस्से, तमिलनाडु और रायलसीमा में हल्की बारिश संभव है.

चक्रवाती तूफान गुलाब के कारण इस सप्ताह महाराष्ट्र में जानमाल के काफी नुकसान हुआ है. इसमें अबतक अब तक 17 लोगों के मारे जाने की खबर आयी है. ) दिल्ली में अगले दो दिनों तक बादल छाए रहेंगे और बारिश होने के आसार नहीं है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी. बारिश नहीं होने के कारण अधिकतम तापमान में पिछले तीन-चार दिनों में बढ़ोतरी हुई है.

Also Read: बाढ़ में डूबा नासिक, ‘गुलाब’ का असर खत्म होने से पहले अरब सागर में बना नया चक्रवात ‘शाहीन’

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि दक्षिण गुजरात के ऊपर एक निम्न वायु दाब क्षेत्र के चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है. साथ ही, विभाग ने मछुआरों को राज्य के तट से लगे अरब सागर में नहीं उतरने की चेतावनी दी है और दो अक्टूबर तक मछली पकड़ने की सभी गतिविधियां स्थगित रखने का सुझाव दिया है. राजस्थान के 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है.

अब कितना मजबूत रहा है तूफान

2019 में अरब सागर में 5, बंगाल की खाड़ी में 3 चक्रवाती तूफान आए जिसमें से छह प्रचंड तूफान की श्रेणी के थे . वर्ष 2020 में अरब सागर में 2, बंगाल की खाड़ी में 2 और उत्तरी हिंद महसागर में एक चक्रवाती तूफान आया जिसमें से पांच प्रचंड चक्रवात की श्रेणी के थे . जून 2021 तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में प्रचंड चक्रवात की श्रेणी के एक-एक तूफान आए .

Also Read: देश के कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट, दिल्ली में मौसम ने बदला मिजाज

इन आंकड़ों के अनुसार, साल 2010 से लेकर अब तक पिछले साढ़े ग्यारह वर्ष में 748 लोगों की चक्रवात के कारण मृत्यु हुई है. इस प्रकार से हर साल चक्रवात के कारण औसतन 72 लोगों की मौत हो रही है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कहना है कि चक्रवात पूर्वानुमान कौशल में सुधार से हाल के वर्षो में जनहानि में कमी आई है.

Next Article

Exit mobile version