देश के कई राज्यों में बारिश का दौर जारी है. स्काइमेट वेदर के अनुसार उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बना डीप डिप्रेशन धीरे-धीरे डिप्रेशन के रूप में उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश की ओर बढ़ेगा. छत्तीसगढ़ के कई जिलों के साथ-साथ मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में पहले ही भारी बारिश दर्ज की जा चुकी है.
स्काइमेट वेदर के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी. छत्तीसगढ़ में मध्यम से भारी बारिश जारी रह सकती है. 4 अगस्त के बाद छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी लेकिन मध्य प्रदेश में कम से कम अगले दो दिनों तक बारिश जारी रहेगी. मध्य प्रदेश के ग्वालियर, शिवपुरी, टीकमगढ़, विदिशा, रायसेन, भोपाल, सागर, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर और दमोह में भारी बारिश हो सकती है.
स्काइमेट वेदर के अनुसार, झारखंड और इससे सटे उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बना दबाव पिछले 6 घंटों के दौरान 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है. पश्चिमी विक्षोभ को पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ के रूप में देखा जाता है और एक चक्रवाती परिसंचरण जम्मू कश्मीर के ऊपर समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है. अगले 24 घंटों के दौरान, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी और एक या दो बहुत भारी बारिश हो सकती है.
स्काइमेट वेदर के अनुसार, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, उत्तराखंड और उत्तर पूर्वी राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, छत्तीसगढ़, ओडिशा, विदर्भ, पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, कोंकण और गोवा, दक्षिण गुजरात, तटीय कर्नाटक और केरल के कुछ हिस्सों में सैटेलाइट से मध्यम बारिश की संभावना है.
स्काइमेट वेदर के अनुसार, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश के आसार हैं.
दिल्ली वासियों के लिए गुरुवार का दिन गर्म और उमस भरा रहा. हालांकि, सप्ताहांत में मामूली राहत मिलने की उम्मीद है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, अगले पांच से छह दिनों में रुक-रुककर बारिश होने की संभावना है. आईएमडी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में हुई अच्छी बारिश ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता को पिछले पांच वर्षों के मुकाबले बेहतर बना दिया.