सावधान! दुर्गा पूजा की धूम हर तरफ दिखाई दे रही है. ऐसे में मौसम रंग में भंग कर सकता है. दरअसल मौसम गतिविधियों में हो रहे बदलाव के कारण विजयादशमी के दौरान कई हिस्सों में बारिश हो सकती है. स्काईमेट वेदर के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व समुद्र के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है.
यह पूर्व मध्य अरब सागर से जुड़ता जा रहा है. इस कारण देश के कई हिस्सों खासकर मुंबई पुणे में जोरदार बारिश हो सकती है. 21 अक्टूबर के आसपास मध्य अरब सागर के ऊपर एक डिप्रेशन के और अधिक तेज होने की संभावना है.
वहीं, स्काईमेट वेदर के मुताबिक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर भी बन रहा है. इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. जिस कारण बारिश हो सकती है.
बीते 24 घंटों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, केरल और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हुई. इसके अलावा महाराष्ट्र के कुछ प्रात, दक्षिणी मध्य प्रदेश और सिक्किम में हल्की बारिश हुई. देश के अन्य भागों में मौसम शुष्क रहा.
स्काईमेट वेदर के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में हल्की बारिश संभव है. 21 और 21 अक्टूबर को पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट हल्की बारिश संभव है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर दबाव का एक क्षेत्र में विकसित हो गया है जिसके 21 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है. इस साल अरब सागर में यह दूसरा चक्रवाती तूफान होगा. हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण के लिए अपनाए गए फार्मूले के अनुसार इसे तेज कहा जाएगा.
आईएमडी के अनुसार चक्रवाती तूफान के रविवार को गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने तथा ओमान के दक्षिणी तटों एवं पास के यमन की ओर बढ़ने का पूर्वानुमान है. हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों ने चेताया है कि कभी-कभी तूफान पूर्वानुमानित पथ से भटक सकते हैं, जैसा कि चक्रवात बिपरजॉय के मामले में देखा गया था.
बिपरजॉय जून में अरब सागर में बना था और शुरू में उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने के बाद गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान में कराची की तरफ गुजरा था.
मौसम का पूर्वानुमान जताने वाली निजी एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ ने कहा कि अधिकांश मॉडल संकेत देते हैं कि तूफान यमन-ओमान तट की ओर बढ़ रहा है. हालांकि, वैश्विक पूर्वानुमान तंत्र मॉडल इसके अरब सागर के गहरे मध्य भागों में स्थित होने पर पुनरावृत्ति का सुझाव देते हैं, जिससे यह प्रणाली पाकिस्तान और गुजरात तट की ओर जा सकती है.
चक्रवाती तूफान के दौरान हवा की रफ्तार 62-88 किमी प्रति घंटे की होती है, जबकि हवा की गति 89-117 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने पर इसे गंभीर चक्रवाती तूफान कहा जाता है.
भाषा इनपुट से साभार