देश में एक बार फिर मौसम में बदलाव नजर आ रहा है.स्काईमेट वेदर के मुताबिक देश में एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर स्थित है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकते हुए मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है. इसके प्रभाव से 14 नवंबर तक दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है.
स्काईमेट वेदर के मुताबिक इसके पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ने और 16 नवंबर के आसपास मध्य और निकटवर्ती दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक दबाव क्षेत्र में बदलने की पूरी संभावना है.इसके कारण मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल सकता है.
दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर उठे एक चक्रवातीय परिसंचरण के निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है जिससे बंगाल के तटीय जिलों में 16 से 18 नवंबर के बीच बारिश हो सकती है.
ओडिशा सरकार ने सोमवार को सात तटीय जिलों के कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी मछुआरा समुद्र में न जाए क्योंकि बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है.
प्रदेश के बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्दा और गंजम जिला अधिकारियों को पत्र में कहा गया है कि मछुआरों को 15 नवंबर से समुद्र में न जाने दें.
अगले 24 घंटों में दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने से राज्य में भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग का कहना है कि 15 नवंबर को हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. वहीं, 16 नवंबर को भारी बारिश का अनुमान है.
स्काईमेट वेदर के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई. दक्षिणी तमिलनाडु और दक्षिणी केरल में हल्की बारिश हुई.
वहीं, स्काईमेट वेदर ने बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.
इसके अलावा रायलसीमा, केरल के कुछ हिस्सों और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.