Weather Forecast: भारत में मौसम का मिजाज बदल रहा है. भारी बरसात के बाद अब राज्यों में सर्दी की दस्तक होने लगी है. हालांकि देश के अधिकांश हिस्सों में 15 अक्टूबर के बाद से ही गुलाबी ठंड का आगाज होने लगता है. नवंबर तक देश में ठंड की एंट्री हो जाती है. वहीं नवंबर को देश में तूफानी महीना भी कहा जाता है. क्योंकि सबसे ज्यादा चक्रवात इसी महीने आते हैं.
स्काईमेट वेदर के मुताबिक नवंबर के महीने में मानसून के बाद के मौसम में सबसे अधिक उष्णकटिबंधीय तूफानों का रिकॉर्ड है. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में इस महीने सबसे ज्यादा तूफान उठते हैं. हालांकि अरब सागर की अपेक्षा बंगाल की खाड़ी में अधिक संख्या में चक्रवाती तूफानों का रिकॉर्ड रहा है.
इससे पहले अक्टूबर में पहले ही दो तूफान की दस्तक हो चुकी है. ये तूफान तेज और हामून थे जो बीते दिनों भारतीय तट रेखा को छोड़कर यमन और बांग्लादेश की तरफ मुड़ गये थे.
स्काईमेट वेदर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 10 सालों में इस महीने देश में कई तूफानों ने दस्तक दी. 2013 से 2022 तक बंगाल की खाड़ी में 18 उष्णकटिबंधीय तूफान आए हैं, जबकि मानसून के बाद के मौसम में अरब सागर में 10 तूफान आए हैं.
चिंताजनक बात यह है कि बीते 2 सालों में नवंबर के महीने में भारतीय समुद्र में कोई तूफान नहीं आया है. ऐसे में इस प्रकार, 2021 और 2022 में मानसून के बाद केवल 5 तूफान आए, लेकिन अक्टूबर 2021 में बंगाल की खाड़ी में 4 और अरब सागर में केवल 1 तूफान आया.
बीते 10 सालों में बंगाल की खाड़ी से नवंबर में 7 तूफानों ने दस्तक दी है. जबकि, अरब सागर से सिर्फ 4 उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान आये हैं. बंगाल की खाड़ी की तुलना में दिसंबर में अरब सागर में तूफानों की आवृत्ति तेजी से कम हो जाती है. इसने दिसंबर 2019 में केवल एक तूफान पवन आया था. वह भी अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों में भारतीय तट से बहुत दूर था.
गुलाब और वरदा नाम के दो तेज तूफान भी आए थे जो साल 2021 और 2016 में दोनों महासागरों से गुजरे थे.
21 अक्टूबर को अपनी शुरुआत के बाद से पूर्वोत्तर मानसून काफी हल्का बना हुआ है. पिछले 24 घंटों में गतिविधि में तेजी आई है और अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है.
स्काईमेट वेदर के मुताबिक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के दक्षिणी भागों से होकर गुजरने वाली मौसमी उत्तर-पूर्वी धारा में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं है. इसके मुताबिक नवंबर के पहले पखवाड़े में कोई भी तूफान आने की संभावना नहीं दिख रही है.