Weather Forecast : भारत में इस साल खूब गर्मी पड़ी जिसके बाद झमाझम बारिश ने कई रिकॉर्ड भी तोड़ डाले. बारिश की वजह से कई राज्यों में खूब तबाही देखने को मिली. इस बीच विश्व मौसम संगठन (WMO) ने इस सर्दी को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है. विज्ञानियों का कहना है कि इस साल के अंत तक ला नीना (La Nina) का प्रभाव 60 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसकी वजह से इस वर्ष उत्तरी भागों में कड़ाके की ठंड तो पड़ेगी ही, साथ ही ठंड की अवधि भी ज्यादा होगी. ला नीना के डेवलप होने पर प्रशांत महासागर की सतह का टेम्प्रेचर कम हो जाता है. जब सतह का टेम्प्रेचर कम होगा तो ठंड भी ज्यादा होगी.
WMO की ओर से कहा गया है कि इस साल के अंत तक 60 प्रतिशत संभावना है कि ला नीना स्थितियां और मजबूत हो जाएगी. पूर्वानुमान में बताया गया कि संकेत मिल रहा है, सितंबर-नवंबर 2024 के दौरान वर्तमान तटस्थ स्थितियों (न तो अल नीनो और न ही ला नीना) से ला नीना स्थितियों में परिवर्तित होने की 55 फीसद संभावना है.
कड़कड़ाती ठंड झेलने के लिए रहें तैयार
मौसम विभाग यानी आइएमडी ने भी सितंबर में ला नीना घटना की शुरुआत के संकेत दिए हैं. इससे देश भर में तापमान में बड़ी गिरावट और बारिश में वृद्धि होने की संभावना है. तापमान गिरने के बाद लोगों को ठंड लगने लगेगी. इस साल भीषण गर्मी के बाद देश के कई हिस्सों में अच्छी बरसात देखी गयी, जिसके बाद अब लोगों को कड़कड़ाती ठंड का सामना करना पड़ेगा. आम तौर पर ला नीना अप्रैल और जून के बीच शुरू होता है, अक्तूबर और फरवरी के बीच यह मजबूत हो जाता है. यह 9 महीने से 2 साल तक चल सकता है. यह समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलने वाली तेज पूर्वी हवाओं से प्रभावित होता है, जो समुद्र की सतह को ठंडा करता है. इस साल संभावना है कि साल के अंत तक ला नीना स्थितियां समय से पहले मजबूत हो जायेंगी.
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इन राज्यों में पड़ेगी हाड़ कंपाने वाली ठंड
देश के विभिन्न क्षेत्रों में सर्दी की तीव्रता अलग-अलग होने की संभावना व्यक्त की गई है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे उत्तरी राज्यों में विशेष रूप से हाड़ कंपाने वाली ठंड देखने को मिल सकती है. आइएमडी ने लोगों से पर्याप्त हीटिंग रखने, आवश्यक आपूर्ति का स्टॉक करने और मौसम रिपोर्ट पर अपडेट रहने का आग्रह किया है.
(इनपुट पीटीआई)