Weather: हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश से भारी तबाही, दरक रहे पहाड़, खिसक रही जमीन, सैकड़ों जिंदगियां तबाह
हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही भारी बारिश के कारण शिमला के समर हिल, कृष्णा नगर और फागली इलाकों में भूस्खलन हुए थे. प्रमुख सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने बताया, पिछले तीन दिनों में कम से कम 71 लोगों की मौत हो चुकी है और 13 अभी भी लापता हैं.
हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण पिछले तीन दिनों में कम से कम 71 लोगों की जान जा चुकी है और 13 लोग अभी भी लापता हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के काम को ‘पहाड़ जैसी चुनौती’ करार दिया है. हिमाचल प्रदेश के शिमला में समर हिल के समीप शिव मंदिर के मलबे से एक और महिला का शव बरामद होने के साथ ही बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले 57 लोगों के शव अब तक बरामद हुए हैं. सरकार की ओर से बताया गया है कि अबतक हिमाचल में हेलीकॉप्टर की मदद से 780 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जबकि 2500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. शिमला में राहत और बचाव कार्य जारी है.
हिमाचल के इन इलाकों में भूस्खलन से तबाही
हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही भारी बारिश के कारण शिमला के समर हिल, कृष्णा नगर और फागली इलाकों में भूस्खलन हुए थे. प्रमुख सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने बताया, पिछले तीन दिनों में कम से कम 71 लोगों की मौत हो चुकी है और 13 अभी भी लापता हैं. रविवार रात से अब तक 57 शव बरामद किए जा चुके हैं.
उत्तराखंड 293 लोगों को बचाया गया, चमोली में मकान ढहने से दो की मौत
उत्तराखंड के मदमहेश्वर धाम में भारी बारिश के कारण पुल बहने से वहां फंसे सभी 293 लोगों को बाहर निकालने का अभियान बुधवार को पूरा हो गया. बचाए गए लोगों में ज्यादातर श्रद्धालु हैं. उन्होंने बताया कि चमोली जिले के हेलंग में मकान ध्वस्त होने से दो सगे भाइयों की मृत्यु हो गयी और पांच अन्य घायल हो गए जबकि पौड़ी जिले के मोहनचट्टी में दो दिन पहले एक रिजॉर्ट पर भूस्खलन के बाद मलबा गिरने से दबे सभी लोगों के शव बरामद हो गए.
Also Read: Photo: हिमाचल प्रदेश घूमने का है प्लान, तो कर दें कैंसिल, भूस्खलन और बादल फटने का सिलसिला जारी, देखिए तस्वीरेंबारिश और भूस्खलन से 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि उनके राज्य को इस मानसून में भारी बारिश के कारण बर्बाद हुए बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में एक साल लगेगा और दावा किया कि लगभग 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
शिमला में भारी तबाही
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया, समर हिल और कृष्णा नगर इलाकों में बचाव अभियान चलाया जा रहा है और समर हिल से एक शव बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि अभी तक समर हिल से 13 शव, फागली से पांच और कृष्णा नगर से दो शव बरामद किए गए हैं। शिव मंदिर में सोमवार को हुए भूस्खलन के मलबे में अब भी 10 और लोगों के दबे होने की आशंका है. कृष्णा नगर में करीब 15 मकानों को खाली कराया गया और परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। कई अन्य लोगों ने मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन की आशंका से खुद अपने घर खाली कर दिए हैं.
Also Read: IMD Heavy Rain Alert: रांची समेत झारखंड के इन जिलों में तीन दिनों तक बारिश के आसार, मौसम विभाग ने किया अलर्टभारी बारिश और भूस्खलन से स्कूल-कॉलेज बंद, सड़कें अवरुद्ध
शिक्षा विभाग ने खराब मौसम के कारण बुधवार को राज्य में सभी स्कूल तथा कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने 19 अगस्त तक शैक्षणिक गतिविधियां निलंबित कर दी हैं. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में करीब 800 सड़कें अवरुद्ध हैं और 24 जून को मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 7,200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. इससे पहले, जुलाई में मंडी, कुल्लू तथा शिमला समेत राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश से कई लोगों की मौत हो गयी थी और करोड़ों रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई थी.
हिमाचल प्रदेश में बारिशबारिश-बाढ़ प्रभावित हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब से करीब 960 को बचाया गया
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बताया कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ में फंसे 960 से अधिक लोगों को बचाया गया है और करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. एनडीआरएफ ने बताया कि इन राज्यों में बचाव और राहत के लिए केंद्रीय बल की 29 टीमों को तैनात किया गया है जिनमें से 14 सक्रिय हैं जबकि बाकी को तैयार अवस्था में रखा गया है.
10363 लोगों को किया गया रेस्क्यू
एनडीआरएफ ने ने बताया अबतक 960 से अधिक पीड़ितों को बचाया है और 10,363 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. एनडीआरएफ के अलावा राज्य आपदा प्रतिक्रिया इकाई, सेना, वायुसेना, पुलिस और स्थानीय अधिकारी प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान चला रहे हैं. पंजाब में, भाखड़ा और पोंग बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद होशियारपुर, रूपनगर और गुरदासपुर जिलों के कई गांव जलमग्न हो गए.