Weather Forecast: दिल्ली में तेज बारिश, पंजाब-हरियाणा में गिरा तापमान, जानें अन्य राज्यों का क्या है हाल
Weather Forecast Today Updates : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने और इसके परिणामस्वरूप अगले 48 घंटों में कम वायु दाब का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, ‘‘कुछ प्रणालियों ने इसके एक चक्रवात होने का पूर्वानुमान जताया है. हम नजर रख रहे हैं. नियमित रूप से अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
मुख्य बातें
Weather Forecast Today Updates : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने और इसके परिणामस्वरूप अगले 48 घंटों में कम वायु दाब का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, ‘‘कुछ प्रणालियों ने इसके एक चक्रवात होने का पूर्वानुमान जताया है. हम नजर रख रहे हैं. नियमित रूप से अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
लाइव अपडेट
दिल्ली में 20.9 मिमी बारिश
राजधानी में आज हुई बारिश की वजह से निचले इलाकों में पानी भर गया और सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ. सफदरजंग वेधशाला ने सुबह साढ़े आठ बजे से शाम 06:30 बजे के बीच 20.9 मिमी बारिश दर्ज की है. जबकि, अधिकतम तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से नौ डिग्री कम है. पालम में 11.8 मिमी, लोधी रोड में 24.6 मिमी, रिज में 14.6 मिमी, आयानगर में 13.8 मिमी, मुंगेशपुर में 31.5 मिमी, नरेला में 9.5 मिमी, पीतमपुरा में 55.5 मिमी और पूसा में 15.5 मिमी बारिश हुई है. बारिश के कारण दिल्ली के अलग अलग इलाकों में जलभराव देखने को मिला तथा यातायात जाम हो गया.
बंगाल की खाड़ी में नौ मई के आसपास चक्रवात का अनुमान
बंगाल की खाड़ी में 9 मई के आसपास एक ग्रीष्मकालीन चक्रवात आने का अनुमान है, हालांकि इसके मार्ग और तीव्रता के बारे में अभी आकलन नहीं किया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज इस बात की जानकारी दी. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि संख्यात्मक मॉडल के अनुसार 9 मई के आसपास चक्रवाती तूफान के लिए स्थिति अनुकूल होने का संकेत मिला है, लेकिन इसकी गति और तीव्रता 7 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद निर्धारित की जा सकती है.
IMD ने जारी की चेतावनी
6 मई के आसपास बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है. इसे लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अलर्ट जारी की है.
Tweet
हिमाचल प्रदेश में बर्फ़बारी
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में आज ताजा बर्फबारी हुई है. बर्फ़बारी से जुड़ी वीडियोज भी सामने आयी है.
Tweet
दिल्ली में तेज बारिश
राजधानी दिल्ली में तेज बारिश की वजह से मौसम में बदलाव देखने को मिला। यहां बारिश के साथ बर्फ़बारी भी देखी गयी.
Tweet
पंजाब-हरियाणा में बारिश के बाद तापमान गिरा
मौसम विभाग ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में बुधवार को सुबह बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई. मौसम विभाग के अनुसार चंडीगढ़, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, रूपनगर, मोहाली, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में बारिश हुई है. विभाग ने बताया कि हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ समेत दोनों राज्यों के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है. उन्होंने बताया कि बारिश के बाद राजधानी चंडीगढ़ समेत दोनों राज्यों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई.
दिल्ली में हल्की बारिश और गरज के साथ छींटों की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा दिल्ली में बुधवार को हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है और शहर का अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है. राष्ट्रीय राजधानी के प्राथमिक मौसम स्टेशन सफदरजंग वेधशाला ने लगातार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में रुक-रुक कर बारिश और बादल छाए रहने के कारण पिछले तीन दिन में अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 10 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया. रविवार को अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था और सोमवार को यह गिरकर 26.2 डिग्री सेल्सियस हो गया, जिससे यह 13 साल में महीने का दूसरा सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया. शहर में मंगलवार को अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
हिमाचल प्रदेश में छह मई तक बारिश का येलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों सहित निचले और मध्य ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर छह मई तक गरज के साथ छीटे पड़ने और आकाश में बिजली चमकने का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए 'येलो अलर्ट' जारी किया है. विभाग के अनुसार, राज्य के सभी 12 जिलों के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा जारी है. विभाग ने बताया कि मंडी जिले के जोगिंदरनगर में सबसे अधिक 47 मिमी, मनाली में 24 मिमी, पच्छाद में 23 मिमी, सोलन में 11.2 मिमी तथा शिमला में 8 मिमी बारिश दर्ज की गई. उन्होंने बताया कि बारिश की वजह से राज्य में 17 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं. विभाग के मुताबिक, सोलन जिले में रुक-रुक कर हुई बारिश के बाद मंगलवार तड़के सबथू क्षेत्र के मंजू आरिया इलाके में पत्थर गिरने से एक घर क्षतिग्रस्त हो गया और एक व्यक्ति घायल हो गया.
केरल के चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी
केरल में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश के मद्देनजर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को राज्य के चार जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया. आईएमडी ने पतनमथित्ता, एर्नाकुलम, इडुक्की और त्रिशूर जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया. इसके अलावा, उसने तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा, कोट्टायम, पालक्काड और मलप्पुरम जिलों में येलो अलर्ट जारी किया. रेड अलर्ट का मतलब 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से अधिक की अत्यधिक भारी बारिश होता है जबकि ऑरेंज अलर्ट का मतलब छह से 20 सेंटीमीटर तक बहुत भारी बारिश से होता है और येलो अलर्ट का मतलब छह से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश से होता है.
खराब मौसम के कारण केदारनाथ धाम की यात्रा बुधवार तक रोकी गयी
केदारनाथ में मंगलवार को भी हिमपात जारी रहने तथा मौसम विभाग की ओर से मौसम में अगले कुछ दिन तक सुधार न होने का पूर्वानुमान व्यक्त करने के मद्देनजर इस हिमालयी धाम की यात्रा एक दिन यानी बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. मौसम विभाग ने उत्तराखंड में स्थित अन्य उच्च हिमालयी मंदिरों के लिए भी चार मई तक मौसम की ऐसी ही भविष्यवाणी की है और श्रद्धालुओं, विशेष रूप से केदारनाथ की ओर जाने वाले तीर्थयात्रियों को सलाह दी है कि वे जहां हैं, वहीं रहें. रूद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा राज्य के कुछ भागों में भारी बारिश और हिमपात का अनुमान जताने के मद्देनजर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ यात्रा को कल तक के लिए रोक दिया गया है. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं से मौसम में सुधार होने तक गौरीकुंड और सोनप्रयाग में प्रतीक्षा करने को कहा गया है और उसके बाद वे धाम की यात्रा शुरू कर सकते हैं. केदारनाथ के अलावा अन्य हिमालयी धामों की यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को भी खराब मौसम के मद्देनजर एहतियात बरतने की सलाह दी गयी है.
राजस्थान के अधिकांश इलाकों में आगामी तीन दिन तक आंधी और वज्रपात की संभावना
मौसम विभाग ने राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते अधिकांश इलाकों में आगामी तीन दिन तक आंधी और वज्रपात की संभावना जताई है. विभाग ने आगामी तीन दिनों तक राज्य के अधिकांश इलाकों में आंधी और वज्रपात के यलो अलर्ट के साथ चेतावनी जारी की है. विभाग के अनुसार मंगलवार को सुबह से शाम तक भीलवाड़ा में 12.6 मिलीमीटर बारिश, धौलपुर में 8.5 मिमी, बाड़मेर में 7.8 मिमी, बांसवाड़ा में 5 मिमी, डूंगरपुर में 2.5 मिमी, हनुमानगढ़ में 1 मिमी बारिश दर्ज की गई. विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान नागौर के डीडवाना में पांच सेंटीमीटर, नागौर के संजू में चार सेंटीमीटर, झुंझुनूं के पिलानी में चार सेंटीमीटर, सीकर में चार सेंटीमीटर, अजमेर में चार सेंटीमीटर और अन्य कई स्थानों पर तीन सेंटीमीटर से एक सेंटीमीटर के बीच बारिश दर्ज की गई. उन्होंने बताया कि बादलों की आवाजाही और बारिश के चलते राज्य के अधिकांश इलाकों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई और तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया गया.
बंगाल की खाड़ी पर बन रहा कम वायुदाब, इन जगहों में बारिश की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि छह मई के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने और इसके परिणामस्वरूप अगले 48 घंटों में कम वायु दाब का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है. अमेरिकी मौसम पूर्वानुमान प्रणाली ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (जीएफएस) और यूरोपीय सेंटर फॉर मेडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट्स (ईसीएमडब्ल्यूएफ) द्वारा बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने का पूर्वानुमान व्यक्त किये जाने की रिपोर्ट के बाद आईएमडी का यह बयान आया है.
चक्रवाती तूफान की संभावना कम
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि कुछ प्रणालियों ने इसके एक चक्रवात होने का पूर्वानुमान जताया है. हम नजर रख रहे हैं. नियमित रूप से अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. मौसम का पूर्वानुमान करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर ने कहा कि मई 2023 के प्रथम पखवाड़े में कोई चक्रवाती तूफान आने की संभावना बहुत कम है. अप्रैल में हिंद महासागर में कोई चक्रवाती तूफान विकसित नहीं हुआ. इस तरह, यह लगातार चौथा साल है, जब पिछले महीने चक्रवाती तूफान नहीं आया.
बारिश के कारण भूमि ठंडी होने से मानसून के आगमन पर कोई असर नहीं
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत के बड़े हिस्से में बारिश का दौर असामान्य है, लेकिन इसके कारण भूमि ठंडी होने से मानसून के आगमन में देरी नहीं होगी. भारतीय मानसून भारतीय भूमि और हिंद महासागर के बीच तापमान तथा दबाव के अंतर से संचालित होता है. गर्मियों के महीनों के दौरान भूमि गर्म हो जाती है, जिससे कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है जो समुद्र से नम हवा खींचता है, जिसके परिणामस्वरूप वर्षा होती है. ऐसी चिंताएं हैं कि लंबे समय तक चल रहे बारिश दौर के कारण भूमि का ठंडा होना कम दबाव वाले क्षेत्र को कमजोर कर सकता है और इससे समुद्र से नमी से भरी हवा को खींचने वाले बल में कमी होगी. नतीजतन, मानसून की बारिश के आगमन में देरी हो सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन दिन से पूरे भारत में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है.