Himachal Landslide: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में नेगुलसरी में राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर गुरुवार रात हुए भीषण भूस्खलन के बाद जिले का संपर्क राजधानी शिमला से पूरी तरह से कट गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. हालांकि, गुरुवार देर शाम सड़क पर वाहनों का आवागमन रोक दिए जाने के कारण किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के कार्यकारी अभियंता के.एल.सुमन के मुताबिक भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 150-300 मीटर का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है.
वाहनों की लगी कतार
उन्होंने कहा कि इस रास्ते को पैदल पार करना भी संभव नहीं है. अधिकारियों के मुताबिक, किन्नौर से आने वाले सेब से लदे ट्रक समेत बड़ी संख्या में वाहन सड़क पर फंसे हुए हैं. सेब उत्पादक चिंतित हैं कि अगर जल्द सड़क नहीं खोली गई तो उनकी उपज सड़ जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि सरकारी मशीनरी और कर्मियों को तैनात किया किया है, लेकिन पहाड़ियों से गिर रहे पत्थर सड़क खोलने के काम में बाधा डाल रहे हैं.
मंत्री ने किया इलाके का दौरा
इस बीच, राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों को युद्ध स्तर पर सड़क साफ करने का निर्देश दिया. जगत सिंह नेगी किन्नौर से ही विधायक हैं. उन्होंने ड्रोन कैमरों की मदद से घटनास्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को फंसे हुए यात्रियों और सामानों को अलग मार्ग से अपने गंतव्य स्थानों तक भेजने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
मानसून की दस्तक के बाद से भूस्खलन की 164 से ज्यादा घटी घटना
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की आशंका वाले 17,120 स्थल हैं, जिनमें 675 महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और बस्तियों के पास स्थित हैं. नेगुलसारी किन्नौर के जनजातीय जिले में 15 ऐसे प्राथमिकता वाले स्थलों में से एक है. जिले के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों में उरनी ढांक, बटसारी, नेसांग और पुरबनी जुल्हा शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक भूस्खलन की 164 घटनाओं में 111 लोगों की मौत हो चुकी है. मौजूदा मानसून सीजन के दौरान किन्नौर में पांच बार भूस्खलन हुआ है.