संयुक्त राष्ट्र: हर साल दुनिया भर के देशों पर मौसम की मार पड़ती है. इसकी वजह से अरबों-खरबों डॉलर का नुकसान होता है. करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं और हजारों लोगों की मौत हो जाती है. भारत में मौसम की वजह से हर साल तकरीबन 87 अरब डॉलर का नुकसान हो जाता है. भारत के मुकाबले चीन में तीन गुणा ज्यादा नुकसान होता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र मौसम एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को चक्रवाती तूफान, बाढ़ और सूखे जैसी मौसमी घटनाओं से औसतन करीब 87 अरब डॉलर का सालाना नुकसान होने का अनुमान है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने एक दिन पहले ‘एशिया में जलवायु की स्थिति, 2020’ रिपोर्ट जारी की.
इसमें कहा गया है कि मौसमी घटनाओं और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) ने 2020 में पूरे एशिया में प्रभाव डाला, जिससे हजारों लोगों की मौत हुई, लाखों अन्य विस्थापित हो गये और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ, जबकि बुनियादी ढांचा और पारिस्थितिकी पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा.
डब्ल्यूएमओ द्वारा समन्वित रिपोर्ट में कहा गया है, ‘खाद्य एवं जल असुरक्षा, स्वास्थ्य को जोखिम और पर्यावरणीय क्षरण बढ़ने से सतत विकास को खतरा पैदा हुआ.’ इसने कहा है कि चक्रवाती तूफान, बाढ़ और सूखे से अरबों डॉलर का नुकसान होने का खतरा है.
डब्ल्यूएमओ ने कहा कि चीन, भारत और जापान ने इसमें से ज्यादातर नुकसान झेला है. इसके मुताबिक, चीन में करीब 238 अरब डॉलर, भारत में 87 अरब डॉलर और जापान में 83 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2020 में बाढ़ और तूफान ने करीब पांच करोड़ लोगों को प्रभावित किया, जिनमें 5,000 से अधिक लोगों की जान भी गयी. रिपोर्ट में कहा गया है कि चक्रवात अम्फान से मई 2020 में बांग्लादेश और भारत में घनी आबादी वाले तटीय इलाके प्रभावित हुए.
भारत में चक्रवात से पश्चिम बंगाल में 1.36 करोड़ लोग प्रभावित हुए और करीब 14 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. डब्ल्यूएमओ महासचवि प्रो पेटेरी टलास ने कहा, ‘बाढ़, तूफान और सूखे ने क्षेत्र में कई देशों को प्रभावित किया है, कृषि और खाद्य सुरक्षा को प्रभावित किया है. विस्थापन को बढ़ाया है और पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाया है.’
Posted By: Mithilesh Jha