नई दिल्ली : उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में रहने वालों को फिलहाल गर्मी से राहत ही मिलने के आसार नजर आ रही है. मौसम विभाग की ओर से दी जा रही जानकारी के अनुसार, उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में एक बार फिर से बारिश के आसार दिखाई दे रहे हैं. वहीं, मैदानी इलाकों में फिलहाल लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. उधर पूर्वोत्तर भारत में भी मौसम का मिजाज बदलने वाला है. यहां के कई इलाकों में भारी बारिश की आंशका है. दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में भयंकर गर्मी पड़ सकती है.
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में शुमार हिमाचल प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है. रविवार रात से ही लाहौल घाटी में हिमपात हो रही है. इसके चलते राज्य में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग को अपने घरों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. रोहतांग टनल में भी कई बसें फंसी हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक हिमपात की वजह चसे ट्टान खिसकने के साथ-साथ हिमस्खलन का खतरा भी कई गुणा बढ़ जाता है.
#WATCH | Jammu and Kashmir: Snow clearance operation underway on Mughal Road in Rajouri. pic.twitter.com/djCGnfUSRk
— ANI (@ANI) March 30, 2021
मौसम की जानकारी देने वाली वेबसाइट स्काइमेट वेदर के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का असर इस वक्त पश्चिमी हिमालय के क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है. इसके चलते लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और बारिश होती रहेगी. मंगलवार को लद्दाख और उससे सटे जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग हिमपात होगा.
उधर, पूर्वोत्तर भारत में बंगाल की खाड़ी से आने वाली दक्षिण-पूर्वी हवाओं के चलते बारिश की संभावना बढ़ गई है. मंगलवार से गुरुवार के बीच यहां के कई इलाकों में ज़ोरदार बारिश हो सकती है. केरल और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार को एक ट्रफ के चलते गरज के साथ बारिश हो सकती है.
मौसम विभाग ने असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी करते हुए इन पूर्वोत्तर राज्यों में गरज के साथ वर्षा और बूंदाबांदी होने का पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम विभाग ने दो अप्रैल तक पूर्वोत्तर भारत में तेज वर्षा होने का भी पूर्वानुमान किया है.
दिल्ली में होली के दिन सोमवार को अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 76 वर्षों में मार्च में सबसे अधिक है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि अनुसार, सफदरजंग में अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो सामान्य से आठ डिग्री अधिक है. दिल्ली में 29 मार्च 1973 को अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मार्च में तीसरा सबसे गर्म दिन था.
मौसम विभाग के अनुसार, देश के मैदानी इलाकों में जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो, तब उसे ‘लू’ घोषित किया जाता है. वहीं, तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाने पर प्रचंड लू की घोषणा की जाती है. श्रीवास्तव ने कहा कि मंगलवार को 35 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने से अधिकतम तापमान घट कर करीब 38 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा.
Posted by : Vishwat Sen