केंद्र सरकार ने 6 लाख करोड़ रुपए की नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) का ऐलान किया है. इसके जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स को मॉनेटाइज करना है. इसमें ऊर्जा से लेकर सड़क और रेलवे सेक्टर शामिल हैं. केंद्र सरकार के फैसले का पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विरोध किया है. बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार का फैसला पूरी तरह से गलत है. बेची जाने वाली संपत्ति बीजेपी की नहीं,यह देश की संपत्ति है.
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सीएम ममता बनर्जी ने बंगाल सचिवालय नबान्न में पत्रकारों से बात करते हुए जिक्र किया कि ‘यह बीजेपी या मोदी की संपत्ति नहीं है. यह देश की संपत्ति है. पीएम नरेंद्र मोदी देश की संपत्ति ऐसे नहीं बेच सकते. केंद्र का नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. इस फैसले से मुझे धक्का लगा. मेरे साथ दूसरे लोग भी केंद्र के फैसले का विरोध करने साथ आएंगे.’
These aren't Modi's or BJP's assets. These assets belong to the country. PM can't sell the country's assets. This is an unfortunate decision & I'm shocked by it. Many people will join me in condemning this decision: West Bengal CM Mamata Banerjee on govt's asset monetisation plan pic.twitter.com/r0Biu7wbk9
— ANI (@ANI) August 25, 2021
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत 2022 से 2025 के बीच केंद्र सरकार की संपत्तियों से 6 लाख करोड़ रुपए मॉनेटाइजेशन का अनुमान है. इन संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास ही रहेगा. एसेट मॉनेटाइजेशन से संसाधन अनलॉक होंगे और इससे वैल्यू अनलॉकिंग की ओर बढ़ेंगे. हालांकि, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र के फैसले का विरोध किया है. उन्होंने ऐसा नहीं करने की अपील भी की है.