Loading election data...

Pegasus Case: SC में बंगाल सरकार ने दाखिल किया जवाब, कहा- जब तक सुनवाई नहीं, तब तक जांच नहीं

उच्चतम न्यायालय में पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वकील ने जवाब दिया. उन्होंने जवाब दिया जब तक सुप्रीम कोर्ट पेगासस मामले में दायर याचिकाओं पर फैसला नहीं कर लेती है, तब तक जांच कमेटी कुछ नहीं करेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2021 4:04 PM

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने पेगासस मामले की जांच के लिए बनाई गई कमेटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है. बुधवार को उच्चतम न्यायालय में पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वकील ने जवाब दिया. उन्होंने जवाब दिया जब तक सुप्रीम कोर्ट पेगासस मामले में दायर याचिकाओं पर फैसला नहीं कर लेती है, तब तक जांच कमेटी कुछ नहीं करेगी.

Also Read: बंगाल हिंसा की जांच के लिए ‘स्पेशल-109’, चारों जोन में CBI की जांच तेज, सारे जिले के SP भेज रहे रिपोर्ट

दरअसल, पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने पेगासस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. ममता सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को 25 अगस्त को जवाब दाखिल करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ममता सरकार ने अपने वकील के जरिए उच्चतम न्यायालय में जांच कमेटी से जुड़े जवाब को दाखिल कर दिया.

18 अगस्त को पेगागस विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को नोटिस जारी किया था. ममता सरकार के पेगासस विवाद की जांच के लिए गठित जांच आयोग को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को निर्धारित की थी. याचिका में सवाल था कि जब विवाद की सुनवाई खुद सुप्रीम कोर्ट कर रहा है तो ममता सरकार ने जांच आयोग क्यों गठित किया है?

Also Read: केंद्रीय मंत्री नीशीथ प्रमाणिक ने बंगाल बंटवारे की मांग को दिया समर्थन, बोले- जनता की भावनाओं पर विचार जरूरी

पेगासस जासूसी मामले के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने खूब प्रदर्शन किया था. सदन से सड़क तक विपक्षी दलों ने एकजुटता का परिचय देते हुए केंद्र की मोदी सरकार का विरोध किया था. आरोप है कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके देश की कई बड़ी हस्तियों के फोन की जासूसी की गई. जबकि, केंद्र सरकार ने अपने जवाब में किसी तरह की जासूसी करने से इनकार किया था. इसको लेकर मॉनसून सत्र में भी जोरदार हंगामा देखने को मिला था.

Next Article

Exit mobile version