हैदराबाद की राजनीति तक सीमित रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ((asaduddin owaisi , west bengal election) के दूसरे राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिशों से क्षेत्रीय पार्टियों के सामने नयी चुनौती आ गयी है. पहले एआइएमआइएम ने महाराष्ट्र की राजनीति में प्रवेश किया. विधानसभा और मुंबई नगर निगम में उपस्थिति दर्ज करवाने के बाद लोकसभा में भी कामयाबी हासिल कर सभी को चौका दिया. इसके बाद एआइएमआइएम की नजर बिहार के मुस्लिम बहुल इलाके सीमांचल पर पड़ी. हाल में संपन्न हुए बिहार विधानसभा में पांच सीटें जीतकर महागठबंधन के सत्ता में आने के सपने को तोड़ दिया.
पेशे से वकील ओवैसी मुस्लिमों की समस्याओं को उठाते हैं और उन्हें धार्मिक आधार पर गोलबंद करने की कोशिश करते हैं. अभी तक भाजपा के खिलाफ मुसलमान क्षेत्रीय पार्टियों को विकल्प के तौर पर आजमाता रहा है, लेकिन अब ओवैसी उभरे हैं. ओवैसी के बंगाल में चुनाव लड़ने के एलान से ममता भी परेशान हैं, क्योंकि अगर ओवैसी बंगाल में मुस्लिम वोट में सेंध लगाने में कामयाब रहे, तो वहां भाजपा को काफी फायदा होगा.
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हैदराबाद नगर निगम चुनाव : आपको बता दें कि हैदराबाद नगर निगम चुनाव (Hyderabad Nagar Nigam Chunav Results) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया है. हैदराबाद नगर निगम चुनाव में टीडीपी का वोट शेयर 13.11 प्रतिशत से घटकर 1.61 प्रतिशत पहुंच गया. वहीं कांग्रेस के वोट शेयर में 6.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. असदुदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआइएमआइएम, जो अपने नंबर पर कब्जा करने में कामयाब रही, वास्तव में उसका वोट शेयर 2016 में 15.85% से बढ़कर 18.28% हो गया है. गौर हो कि 150 वार्डों वाले हैदराबाद नगर निगम चुनाव में टीआरएस को 55, भाजपा को 48, एआईएमआईएम को 44 और कांग्रेस पार्टी को दो सीटें मिली जबकि एक के नतीजे पर फिलहाल कोर्ट ने रोक लगा दी.
बिहार विधानसभा चुनाव : बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election) की बात करें तो ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) ने शानदार प्रदर्शन किया और 5 सीटों पर जीत हासिल की. एआईएम ने पिछले दशकभर में तेजी से देशभर में खुद को बढ़ाने का काम किया है. पार्टी की जड़ें आजादी से पहले की हैं. साल 1928 में हैदराबाद को मुस्लिम राज्य बनाए रखने के लिए इसका गठन किया गया था. आजादी के बाद और वक्त के साथ पार्टी की लीडरशिप भी बदली और उसकी मजबूती भी बढ़ती नजर आई.
Posted By : Amitabh Kumar