कोलकाता : पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर पश्चिम बंगाल की सियासत में इस समय उबाल आ गया है. अभी हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से आवश्यक पेट्रोलियम पदार्थों पर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) कमी करने का ऐलान किया गया है, जिसे पश्चिम बंगाल में लागू करने से ममता बनर्जी की सरकार साफ इनकार कर रही है.
राज्य में ममता सरकार के पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट नहीं घटाने के फैसले पर टीएमसी की प्रबल विरोधी पार्टी भाजपा सोमवार को प्रदर्शन करेगी. बताया जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ता बंगाल की राजधानी कोलकाता में विधानसभा के सामने प्रदर्शन करेंगे. इसके साथ ही, शहर के अन्य भागों में भी विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.
बता दें कि अभी हाल ही के दिनों में केंद्र सरकार ने सुरसा के मुंह की तरह बेतहाशा बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों पर काबू पाने के लिए पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये वैट घटाने का ऐलान किया है. केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले के बाद भाजपा शासित राज्यों ने तो इस पर अमल कर दिया, लेकिन गैर-भाजपा शासित करीब दर्जन भर राज्य केंद्र सरकार के फैसले को अपने राज्यों में लागू करने से साफ इनकार कर रहे हैं.
पेट्रोल-डीजल से वैट घटाने के मोदी सरकार के फैसले पर ज्यादातर राज्यों का तर्क यह है कि केंद्र के इस कदम से उनकी आमदनी घटेगी और बजट पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. ज्यादातर राज्यों का यह कहना है कि केंद्र सरकार को अगर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम उपभोक्ताओं को राहत दिलाना है, तो इन दोनों आवश्यक पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने उत्पाद शुल्क और उपकर (सेस) में कटौती क्यों नहीं कर देती?
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के विरोध में विपक्षी पार्टी भाजपा सोमवार को सबसे पहले कोलकाता में प्रदर्शन करेगी. इसके बाद मंगलवार यानी 9 से 12 नवंबर तक पूरे जिले में विरोध-प्रदर्शन करेगी. पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह वहां मौजूद रहेंगे और दिवंगत मंत्री सुब्रत मुखर्जी की स्मृति में सोमवार को विधानसभा में शोक प्रस्ताव पेश किया जाएगा.
शुभेंदु अधिकारी ने एक ट्वीट में कहा, ‘मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) कम करने के बाद राजग शासित राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करके ईंधन की कीमतों पर जनता को और राहत दी है, लेकिन गैर-भाजपा शासित राज्यों को ऐसा करने से कौन रोक रहा है?’