नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण से अभी देश बाहर भी नहीं निकल पाया है और अब एक और संकट हमारे सामने आकर खड़ा हो गया है. जी हां, मैं बात कर रहा हूं चक्रवाती तूफान अम्फान की.
बताया जा रहा है चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ आज शाम तक विकराल रूप ले लेगा और इसके चलते ओडिशा के तटीय इलाकों और पश्चिम बंगाल की गंगा नदी के पास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है. इस तूफान की विभीषिका का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘अम्फान’ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
ओडिशा सरकार जहां संवेदनशील इलाकों में रह रहे 11 लाख लोगों को निकालने की तैयारी कर रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने तटीय जिलों के लिए अलर्ट जारी किया और राहत टीमें भेजी हैं. मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के लिए ‘ऑरेंज’ चेतावनी जारी की है और कहा कि ‘अम्फान’ 20 मई को दोपहर या शाम के दौरान अत्यंत प्रचंड तूफान के रूप में बांग्लादेश में हटिया द्वीप और पश्चिम बंगाल के दीघा के बीच पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश तट के बीच से गुजरेगा. इस दौरान 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जो कभी भी 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं. विभाग ने कहा कि अत्यधिक तेज हवाओं से कच्चे घरों को बहुत ज्यादा नुकसान और ‘पक्के’ घरों को कुछ हद तक नुकसान पहुंच सकता है. चक्रवाती तूफान से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
बीबीसी हिंदी की खबर के अनुसार 1953 से मायामी नेशनल हरीकेन सेंटर और संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी डब्लूएमओ तूफानों और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम रखता रहा है. लेकिन 2004 के बाद स्थिति बदली और इस पैनल को भंग कर दिया गया और सभी देशों को अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाले तूफानों के नाम रखने को कहा गया.
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इसके बाद भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका और थाईलैंड कुल आठ देशों ने एक बैठक में हिस्सा लिया और सभी ने 64 नामों की एक सूची तैयार की. जिसमें हर देश ने आने वाले चक्रवातों के लिए आठ नाम प्रस्तावित किये. ये सभी नाम हर देश के अपने वर्ण क्रम के अनुसार हैं. इन्हीं के अनुसार तूफानों के नाम रखे जाते हैं. इस बार अम्फान नाम थाईलैंड ने दिया है. मालूम हो इससे पहले भी 2013 में चक्रवात का नाम पायलिन थाईलैंड ने ही रखा था. 2012 में चक्रवाती तूफान नीलम का नाम पाकिस्तान ने रखा था, उसी तरह नीलोफर का नाम भी पाकिस्तान ने ही रखा था.