नयी दिल्ली : कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद सोमवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत पार्टी के कई ऐसे नेताओं ने बैठक की, जिन्होंने कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष एवं सामूहिक नेतृत्व की मांग करते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था.
सूत्रों के मुताबिक, सोनिया को इन नेताओं की ओर से लिखे पत्र के कारण खड़े हुए विवाद की पृष्ठभूमि में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद आजाद के आवास पर कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी और कुछ अन्य नेता मिले. बैठक के बाद इन नेताओं में से किसी ने भी टिप्पणी से इनकार किया. मालूम हो बैठक से पहले सिब्बल सहित कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और नेतृत्व में बदलाव की मांग की थी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी की एक कथित टिप्पणी को लेकर सोमवार को उन पर निशाना साधने के कुछ देर बाद कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें खुद सूचित किया कि उनके हवाले से जो कहा गया है वो सही नहीं हैं और ऐसे में वह अपना पहले का ट्वीट वापस लेते हैं. सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल गांधी ने व्यक्तिगत तौर पर मुझे सूचित किया कि उन्होंने वो कभी नहीं कहा था जो उनके हवाले से बताया गया है. ऐसे में मैं अपना पहले का ट्वीट वापस लेता हूं.
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मालूम हो सिब्बल ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राहुल गांधी की एक कथित टिप्पणी को लेकर उनपर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उन्होंने पिछले 30 वर्षों में भाजपा के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया, इसके बावजूद ‘हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं. उन्होंने बतौर वकील कांग्रेस को सेवा देने का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, राहुल गांधी का कहना है कि ‘हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं’. हालांकि बाद में राहुल के फोन आने के बाद सिब्बल ने अपना ट्वीट हटा लिया.
Delhi: Congress leaders Kapil Sibal, Shashi Tharoor, Manish Tewari and Mukul Wasnik leave from the residence of Ghulam Nabi Azad. https://t.co/UKK3kBl0GN pic.twitter.com/ZNnTPCOQvJ
— ANI (@ANI) August 24, 2020
सिब्बल के इस ट्वीट पर विवाद खड़ा होने के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने ‘सांठगांठ’ के आरोप वाली कोई टिप्पणी नहीं की. गौरतलब है कि सीडब्ल्यूसी ने सोमवार को मैराथन बैठक के बाद सोनिया गांधी से पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का आग्रह करने के साथ ही संगठनात्मक बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया.
पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई ने नेताओं को कांग्रेस का अनुशासन एवं गरिमा बनाए रखने के लिए अपनी बातें पार्टी के मंच पर रखने की नसीहत दी और कहा कि किसी को भी पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
Posted By – Arbind Kumar Mishra