इन दिनों एक नाम ‘हक्कू पत्र’ की चर्चा जोरों पर हो रही है. जी हां…इस नाम के बारे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ये है क्या ? दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार को उत्तरी कर्नाटक के पांच जिलों में घुमंतू लंबानी (बंजारा) जनजाति के 52,000 से अधिक सदस्यों के लिए जमीन का मालिकाना हक देने का काम किया है. जमीन का मालिकाना हक देने के लिए जो पत्र उन्हें प्रदान किये गये उन्हें ‘हक्कू पत्र’ कहा जा रहा है. पीएम मोदी के द्वारा इस पत्र के वितरण अभियान की शुरुआत की गयी है.
50,000 से अधिक लोगों को उनका अधिकार मिलेगा
इस अवसर पर मालखेड में एक जनसभा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया और कहा कि यह बंजारा (लंबानी घुमंतू) समुदाय के लोगों के लिए एक बड़ा दिन है क्योंकि ‘हक्कू पत्र’ के माध्यम से 50,000 से अधिक लोगों को उनके घर का हक मिलने जा रहा है. प्रधानमंत्री की ओर से पांच घुमंतू जोड़ों को पांच ‘हक्कू पत्र’ वितरित करने का काम किया गया. इन पांच लोगों के साथ 50,000 से अधिक लोगों को उनका अधिकार मिलेगा.
मिलेगा पेयजल, बिजली, सड़क आदि जैसी सरकारी सेवाओं का लाभ
यह ‘हक्कू पत्र’ कलबुर्गी, बीदर, यादगिर, रायचूर और विजयपुरा जिलों में टांडा (लंबानी समदुाय के रिहायशी स्थल) में रहने वाले हजारों लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने का काम करेगा. जिन लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र जारी किये गये हैं उनमें से बड़ी संख्या में लोग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग और कमजोर समुदाय से संबंध रखते हैं. इन लाभार्थियों को मालिकाना अधिकार पत्र देना उनकी भूमि को सरकार से औपचारिक मान्यता प्रदान करने की दिशा में एक कदम है. ये अधिकार मिलने के बाद इन लाभार्थियों को पेयजल, बिजली, सड़क आदि जैसी सरकारी सेवाओं का लाभ असानी से मिल जाएगा जिससे इनके रहन सहन में सुधार होगा.
आयुष्मान भारत, मुफ्त राशन का भी जिक्र
केंद्र सरकार की ओर से पहली बार ऐसे समुदायों को उनके सशक्तिकरण के लिए एक स्पष्ट रणनीति के कारण अधिकार मिलने जा रहा है जिससे इस समुदाय में खुशी की लहर है. आयुष्मान भारत, मुफ्त राशन, जन धन खाते के माध्यम से ऋण और पीएम स्वनिधि योजना जैसे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का भी जिक्र पीएम मोदी ने किया. इसका मतलब है कि उपरोक्त लाभार्थियों को ये लाभ भी मुहैया करवाया जाएगा.