Hindenburg Research क्या है, कौन हैं इसके मालिक? आइए जानते हैं Explainer में विस्तार से
Hindenburg Research New Report: हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने रिपोर्ट में इस बार सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को लपेटा है. साल 2023 में इसी फर्म ने अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके बाद शेयर मार्केट में भूचाल आ गया था.
Hindenburg Research: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी ( (Securities and Exchange Board of India) की प्रमुख माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च ने ये दावा किया है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की उन ऑफशोर कंपनियों में भागेदारी रही है, जो अडानी ग्रुप (Adani Group) की वित्तीय अनियमिताओं से जुड़ी थीं. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि सेबी ने अडानी ग्रुप की संदिग्ध शेयर होल्डर कंपनियों पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की. हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि इन कंपनियों को इंडिया इन्फोलाइन की ईएम रिसर्जेंट फंड और इंडिया फोकस फंड संचालित करते हैं.
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Hindenburg Research रिसर्च क्या है?
हिंडनबर्ग अमेरिका की एक शॉर्ट सेलर शोध कंपनी है. इसका का नाम हिंडनबर्ग कैसे पड़ा? इसकी कहानी बहुत ही दिलचस्प है. साल 1937 में जब जर्मनी की सत्ता हिटलर के पास की थी. उस समय जर्मनी टैंक, हवाई जहाज और लड़ाकू विमान बनाने में जुटा था. तब एक कॉमर्शियल पैसेंजर जहाज बनाया गया. इस प्लेन का नाम हिंडनबर्ग एयरशिप या LZ 129 Hindenburg रखा गया. तब के समय का ये प्लेन सबसे बड़ा कॉमर्शियल हवाई जहाज था. 6 मई 1937 को हिंडनबर्ग प्लेन जर्मनी से अमेरिका के लिए उड़ान भरा. लेकिन जब ये न्यूजर्सी के ऊपर पहुंचा तो अचानक प्लेम में तेज से धमाका हुआ. जमीन पर खड़े लोगों ने आसमान में देखा कि गोला जैसे कुछ उड़ने और लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही हैं.
Hindenburg Research का ऐसे पड़ा नाम
लोग कुछ समझ पाते तब तक 30 सेकंड से भी कम समय में जहाज जमीन पर आ गिरा. प्लेन में सवार करीब 100 लोगों में से 35 लोगों की मौत हो गई. हादसे के रिपोर्ट से पता चला कि इसमें हाइड्रोजन गैस के 16 बड़े गुब्बारे थे. इससे पहले भी इस तरह के गुब्बारे से हादसे हो चुके थे.
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी का नाम इसी प्लेन हादसे से जोड़कर रखा गया है. Hindenburg Research की वेबसाइट पर से पता चलता है कि यह कंपनी शेयर बाजार में हो रहे गोलमाल और वित्तीय गड़बड़ियों पर विशेष निगरानी रखती है. Hindenburg Research कंपनी का उद्देश्य शेयर बाजार में वित्तीय हादसे से लोगों को बचाना है.
Hindenburg Research के मालिक कौन है ?
साल 2017 में नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना की. नाथन एंडरसन ने अपनी पढ़ाई अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से की है. वह अपने करियर की शुरुआत फैक्ट सेट रिसर्च सिस्टम नाम की एक कंपनी करते हैं. वॉल स्ट्रीट को दिये एक इंटरव्यू में नाथन एंडरसन कहते हैं कि जॉब के दौरान मुझे एहसास हुआ कि यह लोग बहुत साधारण विश्लेषण कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने खुद की फर्म शुरु करने का मन बनाया.
जानें कैसे काम करती है Hindenburg Research?
Hindenburg Research कई पैरामीटर पर किसी कंपनी की रिपोर्ट तैयार करती है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट मुख्य रूप से तीन चीजों पर आधारित होती है.
1.निवेश के डाटा का विश्लेषण
2.इन्वेस्टिगेटिव रिसर्च
3. सूत्रों से मिली गुप्त जानकारी को भी अपनी शोध का आधार बनाते हैं
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Adani group पर Hindenburg Research की रिपोर्ट
साल 2023 के जनवरी महीने में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप की कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि साल 2020 से लेकर 2023 के बीच अडानी ग्रुप ने अपनी 7 प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के स्टॉक मूल्यों में हेरफेर कर 100 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की है. हिंडनबर्ग के इस दावे के बाद भारतीय शेयर मार्केट में भूचाल आ गया था. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर तेजी से नीचे गिर गए थे.