MUDA Scam: क्या है एमयूडीए घोटाला? कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ चलेगा केस
MUDA Scam: एमयूडीए घोटाले को लेकर कर्नाटक की राजनीति में भारी बवाल शुरू हो चुकी है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दिए जाने के बाद बीजेपी लगातार हमला कर रही है. वहीं सीएम ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है.
MUDA Scam: कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन ‘घोटाले’ के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. राज्यपाल ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत सिद्धरमैया के खिलाफ मुकादमा चलाने की मंजूरी प्रदान की.
क्या है मामला
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) ने 1992 में कुछ जमीन को रिहायशी इलाकों में विकसित करने के लिए किसानों से लिया था, लेकिन 1998 में अधिगृहित भूमि का एक हिस्सा एमयूडीए ने किसानों को वापस कर दिया. एमयूडीए ‘घोटाले’ में आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था जिसे एमयूडीए ने ‘अधिग्रहीत’ किया था. एमयूडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे. विपक्ष और कुछ कार्यकर्ताओं ने यह दावा किया है कि पार्वती के पास 3.16 एकड़ भूमि पर कोई कानूनी अधिकार नहीं है.
सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से किया इनकार
एमयूडीए घोटाला में जांच की मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा, वह इस्तीफा नहीं देंगे. सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने राज्यपाल के इस कदम की निंदा की और इस कदम का राजनीतिक तथा कानूनी रूप से मुकाबला करने की बात कही. सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कहा, कांग्रेस पार्टी भी मेरे साथ खड़ी है. कांग्रेस कार्यकर्ता भी मेरे साथ खड़े हैं. कांग्रेस हाईकमान भी मेरे साथ खड़ा है. कांग्रेस हाईकमान के नेताओं ने मुझे बुलाया और कहा कि हम आपके साथ खड़े हैं. MUDA मामले में राज्यपाल द्वारा लिया गया निर्णय अवैध है. पूरा मंत्रिमंडल राज्यपाल के निर्णय की निंदा (विरोध) करता है. राज्यपाल को संविधान के प्रतिनिधि के रूप में काम करना चाहिए लेकिन राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं. राज्यपाल भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं.
निर्वाचित सरकार को गिराने की को रही कोशिश
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, मेरे खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्यपाल की अनुमति संविधान के खिलाफ है. वे निर्वाचित सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं. राज्यपाल के माध्यम से सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है और वे केंद्र सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं. यह मेरे और राज्य सरकार के खिलाफ हो रहा है क्योंकि हम गरीब लोगों के लिए काम करते हैं. मेरे खिलाफ ये कोशिशें सफल नहीं होंगी. MUDA मामले में कोई रिकॉर्ड नहीं है, अभी तक कोई जांच नहीं हुई है. हमने राज्यपाल को वापस बुलाने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखने के बारे में कोई चर्चा नहीं की है. मुझे क्यों और किस आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. मेरे अनुसार राज्यपाल को इस्तीफा दे देना चाहिए.
बीजेपी ने सिद्धारमैया से मांगा इस्तीफा
इस मुद्दे पर सिद्धरमैया को निशाना बनाते हुए राज्य में कई सप्ताह से आंदोलन कर रही विपक्षी भाजपा ने शनिवार को सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग दोहराई. भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि इससे पारदर्शी और निष्पक्ष जांच हो सकेगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने दावा किया है कि एमयूडीए घोटाला 4,000 से 5,000 करोड़ रुपये तक का है.
खरगे ने बीजेपी पर लगाया गंभीर आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भाजपा द्वारा नियुक्त राज्यपाल गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह देखना होगा कि गहलोत ने सिद्धरमैया पर मुकदमा चलाने की अनुमति क्यों दी.